” छठ पर्व पर विशेष”

—— काव्य—–
सुनहरे रथ पर होकर सवार,
सूर्य आए हैं आपके द्वार,
गेहूं का ठेकुआ, चावल के लड्डू, खीर, अनानास,
नींबू और कद्दू,
छठी मैया करें पूरी मुराद,
आओ मनाएं छठ त्यौहार,
कद्दू – भात से होती है,
पूजा की शुरुआत,
खरना में खाते हैं,
गुड़ की खीर और भात,
साँझ का अर्घ्य,
करता है शुभ शुरुआत,
सुबह का अर्घ्य करे,
पूरी हर मुराद,
हर ओर बिखरी है,
छठ की छटा निराली,
यह पर्व लता है,
जीवन में खुशहाली,
आए खुशियां अपार,
मुबारक हो छठ का त्यौहार,
मूल रचना देहाती विश्वनाथ, कवि व पत्रकार,,
अतापुर, भारत नगर कॉलोनी,
————- हैदराबाद——-
