‘ यह मामला तो सात अजूबों में एक है…,’ सोनिया — राहुल गांधी का जिक्र, सुप्रीम कोर्ट में ईडी पर बोले — मनु सिंघवी
हैदराबाद से समाचार संपादक देहाती विश्वनाथ की विशेष रिपोर्ट
कांग्रेस ने एसोसिएटेड जनरल लिमिटेड एजेएल — यंग इंडिया से संबंधित ईडी के मामले को निराधार बताते हुए इसे विश्व के सात अजूबों में से एक माना है. कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और प्रसिद्ध वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने ईडी और केंद्र सरकार पर तीखा हमला बोला है. सिंघवी ने कहा कि दुनिया में ऐसा कोई मामला नहीं है जिसमें एक भी रुपए या संपत्ति का स्थानांतरण न होने के बावजूद इसे मनी लॉन्ड्रिंग का मामला बना दिया गया हो.
सोनिया गांधी और राहुल गांधी पर आरोप लगाना सफेद झूठ:- सिंघवी
यंग इंडिया को सेक्शन 8 के अंतर्गत नॉट फॉर प्रॉफिट कंपनी के रूप में प्रस्तुत करते हुए अभिषेक मनु सिंघवी ने स्पष्ट किया कि सोनिया गांधी और राहुल गांधी ने कभी भी एक रुपया नहीं लिया, इसलिए उनके खिलाफ अपराधिक आय का आरोप लगाना पूरी तरह से गलत है. उन्होंने बुधवार को कांग्रेस के संचार महासचिव जयराम रमेश के साथ एक साझा प्रेस वार्ता में कहा कि एजेएल कांग्रेस की धरोहर है और इसे संरक्षित करने के उद्देश्य से यंग इंडिया कंपनी की स्थापना की गई. सोनिया और राहुल के यंग इंडिया में निर्देशक बनने के संबंध में सिंघवी ने टिप्पणी की कि यदि कांग्रेस के नेता इस भूमिका में नहीं होंगे, तो क्या आडवाणी जैसे नेता इस पद पर आसीन होंगे . कांग्रेस ने कई वर्षों में आर्थिक संकट से निपटने के लिए एजेएल को 90 करोड रुपए का कर्ज प्रदान किया. एजेएल का पुनर्निर्माण करने के लिए इस कर्ज मुक्त कंपनी में परिवर्तित करना आवश्यक था, इसलिए कानूनी रूप से 90 करोड़ का कर्ज़ यंग इंडिया को कागजी रूप से हस्तांतरित किया गया. उन्होंने यह भी बताया कि यंग इंडिया में एजेएल की हिस्सेदारी आज भी 99% है, जिसमें हंड्रेड अचल संपत्तियां भी शामिल है.
सिंघवी ने पूछे ईडी से सवाल
मनु सिंघवी ने स्पष्ट किया कि अनुच्छेद 8 के तहत कंपनी के निदेशक यह शेयर धारक ₹1 भी नहीं ले सकते, और यदि कोई लाभ होता है, गोवा कंपनी में ही रहेगा. उन्होंने ईडी पर सवाल उठाते हुए कहा कि इसमें अपराध की प्रक्रिया और धन के प्रवाह का कोई स्पष्ट प्रमाण नहीं है. वहीं जयराम रमेश ने बताया कि जब एजेएल पर भारी कर्ज चढ गया, तब कांग्रेस ने 2002 से 2011 के बीच 100 बैंक लेनदेन के माध्यम से उसे 90 करोड रुपए का कर्ज प्रदान किया. जिसका उपयोग वीआरएस, ग्रेच्युटी, प्रोविडेंट फंड, कर और बिजली बिल चुकाने में किया गया. चूंकि एजेएल पर कर्ज था, इसलिए इसके संचालन में रुकावट आ गई थी. इस स्थिति में, कर्ज को शेयरों में परिवर्तित करके एक नई कंपनी यंग इंडिया में स्थानांतरित कर दिया गया. जयराम रमेश ने स्पष्ट किया कि यंग इंडिया ने एजेएल का अधिग्रहण नहीं किया है और सभी संपत्तियां और आय उसी के पास है. सोनिया गांधी से दो दिनों तक और राहुल गांधी से 5 दिन 55 घंटे तक पूछताछ करने के बावजूद यदि कोई ठोस सबूत नहीं मिला, तो यह स्पष्ट है कि ईडी ने एक झूठी चार्जशीट दाखिल की है. यह स्थिति न केवल इस सरकार की बौखलाहट को दर्शाती है, बल्कि किसके मानसिक और नैतिक दिवालियापन को भी उजागर करती है.