गुस्साई जनता ने केंद्र सरकार के दफ्तरों पर लगाए ताले,’ शब्द हटाने पर मणिपुर में मच गया बवाल

हैदराबाद से समाचार संपादक देहाती विश्वनाथ की विशेष रिपोर्ट
मणिपुर के कई जिलों में विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं. प्रदर्शनकारियों ने कई सरकारी कार्यालयों पर धावा बोल दिया. यह पूरी लड़ाई सिर्फ एक शब्द को लेकर हो रही है. पूर्व मुख्यमंत्री ने बातचीत की अपील की है, जबकि कांग्रेस नेता जिम्मेदार अधिकारियों पर कार्रवाई की मांग की है.
इंफाल / हैदराबाद, 29 मई, 2025. मणिपुर एक बार फिर अशांत हो गया है. प्रदर्शनकारियों ने बीते मंगलवार को जियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया और जिला चुनाव कार्यालय जैसे अहम प्रतिष्ठानों को निशाना बनाया. गुस्साई जनता ने कई जिलों में केंद्र सरकार के दफ्तरों में ताले लगा दिए. मणिपुर में यह पूरा बवाल सिर्फ एक शब्द को लेकर हो रहा है, आखिर क्या है वो शब्द! दरअसल, 20 मई को एक सरकारी बस में सरकार द्वारा प्रायोजित उखरूल जिले में शिरुई लिली उत्सव को कवर करने के लिए पत्रकारों को ले जाया जा रहा था. सुरक्षा बलों ने पूर्वी इंफाल जिले में ग्वालाताबी चौकी के पास बस को रोक लिया था और सूचना एवं जनसंपर्क निदेशालय ( डी आई पी आर ) के कर्मचारियों को बस के अगले हिस्से के शीशे पर लिखे राज्य के नाम मणिपुर को सफेद कागज से ढकने पर मजबूर किया था. पिछले हफ्ते, इस घटना को लेकर मेइती बहुल इंफाल घाटी में विरोध प्रदर्शन हुए. वहीं, मंगलवार को यह प्रदर्शन उग्र हो गया. मेइती समूहों के संगठन कोऑर्डिनेटिंग कमेटी ऑफ मणिपुर इंटीग्रिटी( कोकोमी ) की छात्र शाखा ने घाटी के जिलों में कई केंद्रीय कार्यालयों में तालाबंदी कर अपना आंदोलन तेज कर दिया. समूह ने इंफाल में दो केंद्रीय कार्यालयों में ताला लगा दिया. कोकोमी कार्यकर्ता मुख्य चुनाव अधिकारी के कार्यालय में घुस गए और वहां मौजूद कर्मचारियों से भवन छोड़ने को कहा और मेन गेट पर ताला लगा दिया. कार्यकर्ताओं ने कुछ किमी दूर स्थित जियोलॉजिकल सर्वे आफ इंडिया के कार्यालय पर भी ताला जड़ दिया. उन्होंने राज्यपाल के खिलाफ ‘ माफी मांगो या मणिपुर छोड़ो ‘ जैसे नारे भी लगाए.

लोगों ने निकाला मार्च
इंफाल पूर्वी जिले के लामलोंग में सैकड़ो लोगों ने मणिपुर को विघटित करने के प्रयासों के खिलाफ नारे लगाते हुए मार्च निकाला. इंफाल पश्चिम जिले के नाम्बोल और विष्णुपुर शहर में भी इसी तरह के विरोध प्रदर्शन किए गए.
कोकोमी राज्यपाल अजय कुमार भल्ला से सार्वजनिक रूप से माफी मांगने और मुख्य सचिव, पुलिस महानिदेशक ( डीजीपी ) और सुरक्षा सलाहकार के इस्तफे की मांग कर रही है.
पूर्व सीएम बिरेन सिंह ने क्या कहा ?
मणिपुर के पूर्व मुख्यमंत्री एन बिरेन सिंह ने कहा कि उन्होंने राज्यपाल अजय कुमार भल्ला से राज्य के मौजूदा
हालात पर चर्चा की है और उनसे ग्वालताबी की घटना के समाधान के लिए प्रदर्शनकारियों को बातचीत के लिए आमंत्रित करने का आग्रह किया . उधर, मणिपुर के एक मेइती संगठन के प्रतिनिधिमंडल मंगलवार को केंद्र को हालिया घटना पर अपनी भावनाओं के बारे में बताया. प्रतिनिधि मंडल ने गृह मंत्रालय के अधिकारियों को
नार्को – आतंकवाद, अवैध आव्र जन, बड़े पैमाने पर अवैध अफीम की खेती और राज्य में बिगड़ती कानून व्यवस्था की स्थिति से उत्पन्न खतरों के बारे में अपनी चिंता से भी अवगत कराया. संगठन का प्रतिनिधित्व सात सदस्यीय टीम ने किया. जबकि गृह मंत्रालय का प्रतिनिधित्व पूर्वोत्तर मामलों के गृह मंत्रालय के सलाहकार ए. के. मिश्रा और संयुक्त निदेशक राजेश कांवले ने किया.
कांग्रेस नेता इबोबी सिंह ने क्या मांग की ?
मणिपुर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ओकराम इबोबी सिंह ने मांग की है कि एक सरकारी बस से राज्य सरकार का नाम हटाने का आदेश देने वाले अधिकारी को प्रदेश के लोगों से माफी मांगनी चाहिए . इबोबी सिंह ने कहा कि किसी सक्षम अधिकारी के आदेश के बिना भारतीय सेना की महार रेजीमेंट के कर्मी द्वारा सरकारी बस से मणिपुर का नाम छिपाने के लिए कर्मचारियों से कहेंगे.?
