
बिहार का तेजस्वी प्रण, महागठबंधन ने जारी किया घोषणापत्र, जनता के लिए लुभाने वादों की झड़ी
हैदराबाद से समाचार संपादक देहाती विश्वनाथ की खास रिपोर्ट
बिहार चुनाव के लिए महागठबंधन ने घोषणा पत्र जारी कर दिया है, जिसमें युवाओं, किसानों, महिलाओं और शिक्षा– स्वास्थ्य पर ध्यान केंद्रित किया गया है. युवाओं को रोजगार, किसने की आय में वृद्धि, बेहतर शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाएं, तथा महिलाओं के सशक्तिकरण के लिए कई वादे किए गए हैं. महागठबंधन ने जनता से विकास का वादा किया है.
पटना/ हैदराबाद, 28 अक्टूबर, 2025. बिहार विधानसभा चुनाव से ठीक पहले महागठबंधन ने अपना साझा घोषणा पत्र जारी कर दिया है. इसका नाम रखा गया है” बिहार का तेजस्वी प्रण “. इस घोषणा पत्र में युवाओं को रोजगार, महिलाओं को सम्मान और आम लोगों को राहत देने वाले कई वादे किए गए हैं. महागठबंधन ने दावा किया है कि यह घोषणा पत्र सिर्फ चुनावी वादों का पुलिंदा नहीं, बल्कि बिहार के पुनर्निर्माण की रूपरेखा है. घोषणा पत्र जारी करने के मौके पर राजद नेता तेजस्वी यादव, कांग्रेस नेता पवन खेड़ा, वीआईपी सुप्रीमो मुकेश सहनी, वाम दालों के प्रतिनिधि और अन्य सहयोगी दलों के नेता मौजूद थे . इस मौके पर तेजस्वी यादव ने कहा, यह सिर्फ हमारा घोषणा पत्र नहीं, यह बिहार की जनता का प्रण है. हम इस राज्य को बेरोजगारी, पलायन और भ्रष्टाचार से मुक्त करेंगे. वहीं, पवन खेड़ा ने कहा कि घोषणा पत्र से स्पष्ट है कि कौन बिहार के लिए गंभीर है. कौन दिन — रात सोच रहा है. सरकार बनने से पहले दिन से क्या- क्या करना है. 20 वर्षों में जो बिहार पीछे चला गया है. उसे विकास के रास्ते पर लेकर जाना है. उन्होंने कहा कि मेनिफेस्टो कमेटी भी बधाई की पात्र हैं. उन्होंने कहा कि इस मेनिफेस्टो को पवित्र दिन में जारी किया गया है. मेनिफेस्टो में वक्फ कानून पर रोक लगाने की बात कही गई है . गरीबों को ₹500 / रुपए में गैस सिलेंडर दिया जाएगा. शराब बंदी कानून की समीक्षा की जाएगी. मेनिफेस्टो में कहा गया है कि सरकार बनने के 20 दिनों के अंदर हर परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी देने का अधिनियम लाया जाएगा एवं 20 महीने के अंदर नौकरी देने की प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी. जबकि सभी जीविका दीदियों को स्थायी कर सरकारी कर्मचारी का दर्जा दिया जाएगा. इसके अलावा, आईटी पार्क, स्पेशल इकोनामिक जोन, डेयरी एवं कृषि आधारित उद्योग, स्वास्थ्य सेवा, फूड प्रोसेसिंग आदि की नीति बनाई जाएगी. पुरानी पेंशन योजना लागू की जाएगी और मनरेगा की मजदूरी प्रतिदिन 255 की जगह ₹300 सौ रुपए किया जाएगा.