अनंत सिंह गिरफ्तार

बिहार विधानसभा चुनाव से पहले मोकामा की राजनीति में भूचाल आ गया है. बाहुबली अनंत सिंह की गिरफ्तारी ने एनडीए के लिए मुश्किलें खड़ी कर दी है, वहीं विपक्ष को हमला करने का मौका मिल गया है. यादव बहुल इलाकों में तनाव बढ़ सकता है, जबकि भूमिहारों में सहानुभूति दिख रही है. महागठबंधन के लिए यह स्थिति फायदे का सौदा साबित हो सकती है. मोकामा की यह घटना पूरे बिहार चुनाव की दिशा तय कर सकती है.

मोकामा/ पटना/ हैदराबाद, 2 नवंबर, 2025. बिहार विधानसभा चुनाव के प्रथम चरण से पहले ही मोकामा की राजनीति में भूचाल आ गया है. यह सीट सूबे की सबसे चर्चित सीट बन गई है. जदयू प्रत्याशी और बाहुबली छवि वाले नेता अनंत सिंह की गिरफ्तारी ने न केवल एनडीए के रणनीतिक संतुलन को बिगाड़ दिया है, बल्कि पूरे पटना जिले की सियासत में नई हलचल पैदा कर दी है. दुलारचंद यादव की हत्या के मामले में यह गिरफ्तारी ऐसे समय पर हुई है जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का रोड शो और एनडीए का चुनावी प्रचार अभियान अपने चरम पर है. ऐसे में यह माना जा रहा है कि अनंत सिंह की गिरफ्तारी एनडीए के लिए छवि संकट लेकर आई है. एनडीए लगातार आरजेडी पर जंगलराज का आरोप लगाकर चुनावी माहौल अपने पक्ष में करने की कोशिश कर रहा था.

एनडीए की नैतिक और राजनीतिक संतुलन हिला
दरअसल, बाहुबली अनंत सिंह की गिरफ्तारी से विपक्ष को हमला करने का नया मौका मिल गया है. इससे एनडीए का नैतिक व राजनीतिक संतुलन दोनों हिल गया है. दूसरी ओर, यादव बहुल इलाकों में यह गिरफ्तारी जातीय तनाव को और बढ़ा सकती है. दुलारचंद यादव की हत्या को लेकर यादव समुदाय पहले से आक्रोशित हैं और अब यह गुस्सा एनडीए के खिलाफ वोट में तब्दील हो सकता है. जबकि भूमिहार मतदाताओं में अनंत सिंह के प्रति सहानुभूति की लहर भी बन सकती है, जिसका फायदा उन्हें और अन्य भूमिहार प्रत्याशियों को मिल सकता है.

राजद के लिए बन सकता है मौका

यह माना जा रहा है कि महागठबंधन के लिए यही मौका है कि वह इस स्थिति का लाभ उठाकर यादव अल्पसंख्यक समुदायों को पूरी तरह अपने पाले में समेट ले. हालांकि, यादव बहुल इलाकों में चुनाव में उतरे राजद के भूमिहार प्रत्याशी असमंजस की स्थिति में है . कुल मिलाकर, मोकामा से उठी यह सियासी हलचल पूरे बिहार चुनाव की दिशा तय कर सकती है . अब देखना यह है कि अनंत सिंह की गिरफ्तारी से आने वाले समय में एनडीए या आरजेडी किसका पलड़ा भारी होगा ?

निर्वाचन आयोग ने की कार्रवाई

मोकामा विधानसभा क्षेत्र में चुनाव प्रचार के दौरान जन सुराज पार्टी के समर्थक व बाहुबली दुलारचंद यादव की हत्या मामले में कम से कम 4 अधिकारियों पर चुनाव आयोग ने कार्रवाई की है. निर्वाचन आयोग ने शनिवार को पटना के ग्रामीण एसपी विक्रम सिहाग के साथ मोकामा के बाढ़ अनुमंडलीय तीन अधिकारियों को तत्काल प्रभाव से हटाने का आदेश जारी कर दिया है. इनमें बाढ़ अनुमंडल पदाधिकारी ( एसडीओ) चंदन कुमार, अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी ( सीडीपीओ) बाढ़ –1 व 2 राकेश कुमार और अभिषेक सिंह शामिल है .

किसकी गाड़ी आगे जाएगी इसी बात में गई दुलारचंद की जान, डीजीपी ने बताया अनंत सिंह का अब क्या होगा

अनंत सिंह की गिरफ्तारी के लिए पटना से सीनियर एसपी गए थे. उन्हें पहले ही बता दिया गया था कि उन्हें क्यों गिरफ्तार किया जा रहा है. उन्हें कहां रखा जाएगा और क्या कार्रवाई होगी. अनंत सिंह की गिरफ्तारी के बाद बिहार के डीजीपी विनय कुमार ने इस पूरी घटना की सारी कहानी बता दी है. उन्होंने बताया कि अब तक मिले सीसीटीवी फुटेज देखकर लगता है कि जहां यह घटना हुई, वाहन सड़क बहुत पतली थी. एक गाड़ी पर हो सकती थी और दूसरे को साइड होना पड़ता. दोनों पक्षों का काफिला उसी प्वाइंट पर मिला.

कैसे हुई दुलारचंद की मौत
डीजीपी ने बताया, दोनों पक्षों में गाड़ी को आगे– पीछे करने को लेकर विवाद हुआ, वीडियो में देखा जा सकता है कि ज्यादातर जन सुराज पार्टी समर्थक पत्थर फेंक रहे थे. इसके बाद जेडीयू प्रत्याशी के समर्थक भी उत्तेजित हुए और दोनों तरफ से पत्थरबाजी होने लगी. जिसमें दर्जनों गाड़ी क्षतिग्रस्त हुई है . इसी क्रम में दुलारचंद यादव नीचे गिर पड़े और उन पर वाहन चढ़ गया. वाहन किसका था, इसकी जांच की जा रही है. दुलारचंद हत्याकांड में अब तक कम से कम 80 से अधिक लोग गिरफ्तार हैं . उधर, गिरफ्तार अनंत सिंह से पटना एसएसपी सेल में पूछताछ की जा रही है और उनका बयान लिया जा रहा है . बाद में उसे आज ही न्यायालय में पेश किया जाएगा और फिर अदालत न्यायिक हिरासत में भेज देगी .