कर्पूरी ठाकुर के जन्म शताब्दी पर राजनीतिक दलों की नजर है. जदयू की रैली रद्द होने के बाद आरजेडी ने 23 जनवरी को पटना में कर्पूरी जयंती पर समारोह आयोजित करने का फैसला लिया है. हैदराबाद से तेलंगाना ब्यूरो चीफ देहाती विश्वनाथ की खास रिपोर्ट.
पटना/हैदराबाद, 31 दिसंबर, 2023. लालू प्रसाद यादव की आरजेडी ( राष्ट्रीय जनता दल) 23 जनवरी को जननायक कर्पूरी ठाकुर का जन्मशती समारोह मनाएगी. आरजेडी का यह ऐलान जदयू द्वारा कर्पूरी ठाकुर के जन्म शताब्दी समारोह को रद्द किए जाने के बाद किया गया है. जेडीयू ने पहले 24 जनवरी को पटना में रैली की योजना बनाई थी, बाद में ठंड का हवाला देते हुए इसे रद्द कर दिया गया. हालांकि भाजपा ने इस पर निशाना साधते हुए नीतीश कुमार की पार्टी पर पिछड़ों के अपमान का भी आरोप लगाया था. दरअसल, जदयू का कहना है कि कर्पूरी ठाकुर की जन्मशती पर पार्टी जिला स्तर पर कार्यक्रमों का आयोजन करेगी. राजद की ओर से 23 जनवरी को पटना स्थित एसके मेमोरियल हॉल में जननायक कर्पूरी ठाकुर की जयंती समारोह का आयोजन किया जाएगा. इस समारोह में पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव, उपमुख्यमंत्री तेजस्वी प्रसाद यादव शाहिद पार्टी के तमाम बड़े नेता शामिल होंगे. इस आशय की जानकारी बिहार प्रदेश राजद के प्रधान महासचिव एवं विधायक रणविजय साहू ने शनिवार को पार्टी कार्यालय पटना में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में दी. इससे पहले जेडीयू ने पटना में 24 जनवरी को कर्पूरी जन्मशती पर अति पिछड़ों की बड़ी रैली रखी थी . पार्टी के नेता इसमें पूरे बिहार से 3 लाख लोगों के आने का दावा कर रहे थे. हालांकि, बट 25 दिसंबर को जदयू प्रदेश अध्यक्ष उमेश कुशवाहा ने बताया कि ठंड की वजह से पटना की रैली कैंसिल कर दी गई. क्योंकि ठंड के समय इतने लोगों को पटना में ठहरने के इंतजाम में दिक्कत होगी. उमेश कुशवाहा ने कहा था कि अब जिला स्तर पर ही जेडीयू कार्यक्रम करेगी . इससे पहले जेडीयू ने दलित को टारगेट करते हुए पटना में भी संसद का भी आयोजन किया था.
जदयू के वोट बैंक पर लालू – तेजस्वी की नजर

कर्पूरी ठाकुर की अति पिछड़ा वर्ग को मुख्य धारा में लाने की अहम भूमिका रही . कर्पूरी ठाकुर ने ही बिहार में सबसे पहले अति पिछड़ों ( ईबीसी )को 12 परसेंट आरक्षण दिया था, जिसे मुख्यमंत्री रहते लाल यादव ने 14 तो राबड़ी देवी ने 18% किया था . अब जातीय गणना के बाद नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली आरजेडी– जदयू की महागठबंधन सरकार ने बढाकर 25% कर दिया है. हालांकि अति पिछड़ा वर्ग को जदयू का कोर वोटर माना जाता है. आगामी लोकसभा चुनाव से पहले बीजेपी इस वर्ग को अपनी ओर खींचने के लिए पूरी कोशिश कर रही है लेकिन अब इस वोट बैंक पर लालू प्रसाद यादव और तेजस्वी प्रसाद यादव की पार्टी राष्ट्रीय जनता दल की भी नजर है. जाति गणना के आंकड़ों के मुताबिक बिहार में अति पिछड़ा वर्ग की आबादी लगभग 36 प्रतिशत है, जो की अन्य वर्गों में सबसे ज्यादा है.