अयोध्या में श्रीराम लला की प्राण प्रतिष्ठा के इंतजार में पक्ष – विपक्ष के कई सारे काम की तिथियां आगे बढ़ रही है. राजनीति और बयानबाजी तो खूब हो रही है लेकिन दोनों गठबंधनों में तालमेल और सीटों के बंटवारे की बात अटक गई है. बिहार में भाजपा को एनडीए के सहयोगी दलों से सीटों पर बात करनी है लेकिन अभी इसके लिए फुर्सत नहीं है.
हैदराबाद से तेलंगाना ब्यूरो चीफ देहाती विश्वनाथ की यह खास रिपोर्ट.
नई दिल्ली /हैदराबाद,20 जनवरी, 2024. अयोध्या में श्रीराम लला की प्राण प्रतिष्ठा के इंतजार में पक्ष — विपक्ष के कई सारे काम की तिथियां आगे बढ़ रही है . राजनीति और बयानबाजी तो खूब हो रही है, लेकिन दोनों गठबंधनों में घटक दलों के साथ तालमेल और सीटों के बंटवारे की बात अटक गई है.
बिहार के सहयोगियों से भाजपा को करनी है बात
बिहार में भाजपा को एनडीए के सहयोगी दलों से सीटों पर बात करनी है, लेकिन अभी इसके लिए फुर्सत नहीं है. वहीं, कर्नाटक में जेडीएस के साथ तालमेल और सीटों के बंटवारे के मुद्दे पर भी भाजपा ने कुमार स्वामी को प्राण प्रतिष्ठा समारोह के बाद दिल्ली बुलाया है. यहां तक की इंडिया के घटक दलों में भी इस समारोह के मद्देनजर सियासी तत्परता नहीं देखी जा रही है. पहले माना जा रहा था कि 14 जनवरी को सूर्य के उत्तरायण होने के साथ ही राजनीतिक सरगर्मी में तेजी आ जाएगी. किंतु 5 दिन बाद भी चुनावी तैयारियों के लिहाज से कोई खास प्रगति नहीं दिख रही है. जबकि दक्षिण के दुर्ग में मजबूती से प्रवेश की जुगत में भाजपा को कर्नाटक के लिएरणनीति बनानी है,जहां उसकी स्थिति दक्षिण भारत के अन्य राज्यों की तुलना में ज्यादा ठीक है.
प्राण प्रतिष्ठा के बाद होगी बात
सीटों पर बातचीत के लिए जेडीएस नेता कुमार स्वामी दिल्ली जाकर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात भी की, लेकिन उन्हें कह दिया गया कि अयोध्या में श्रीराम लला की प्राण प्रतिष्ठा के बाद ही आइए. उधर, बिहार में एनडीए के घटक दलों में सीटों की हिस्सेदारी- दावेदारी पर बातचीत का मामला भी 22 जनवरी को ध्यान में रखते हुए ही टल रहा है. इस बीच लोक जनशक्ति पार्टी ( आर ) के नेता चिराग पासवान, राष्ट्रीय लोक जनता दल के उपेंद्र कुशवाहा एवं हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा( हम ) की जीतनराम माझी दो दिनों से दिल्ली में ही जमे थे . तीनों नेता अमित शाह से बात – मुलाकात के प्रयास में थे . कामयाबी नहीं मिली तो पटना लौट आए . अब प्राण प्रतिष्ठा समारोह के बाद ही सबको बुलाया जाएगा.
बिहार महागठबंधन के बीच क्या है स्थिति ?
बिहार महागठबंधन के दो बड़े घटक दलों के शीर्ष नेताओं के बीच शुक्रवार को बातचीत तो हुई, लेकिन कुछ मसलों की गुत्थी सुलझाना अभी बाकी है. हालांकि, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के साथ राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव एवं तेजस्वी यादव की बात – मुलाकात के बाद भी स्पष्टता में कुछ कसर नजर आ रही है. कांग्रेस को भी सपा के साथ सीटों के तालमेल पर बात करनी है, किंतु लगता है कि अब वह भी 22 जनवरी के बाद ही सक्रिय हो पाएगी . कांग्रेस ने अखिलेश यादव को कहा था कि पहले वह राष्ट्रीय लोक दल के साथ अपने मामले को सुलझा लें, उसके बाद सीट बंटवारे पर कांग्रेस बात करेगी. सपा ने शुक्रवार को ही राष्ट्रीय लोक दल के साथ सीटें बांट ली. माना जा रहा था कि शनिवार को कांग्रेस- सपा की भी बात हो जाएगी, किंतु ऐसा नहीं हुआ तो अब 22 के बाद का इंतजार है.