अहमदाबाद प्लेन क्रैश: ‘ हादसे से कुछ घंटे पहले किया था कॉल… सब कुछ खत्म हो गया
हैदराबाद से समाचार संपादक देहाती विश्वनाथ की यह विशेष रिपोर्ट

” वो अपनी एयर होस्टेस नौकरी को लेकर बहुत खुश थी. यह उसका सपना था. कॉलेज में पढ़ाई करने के दौरान ही उसने एयर होस्टेस की परीक्षा पास कर नौकरी हासिल कर ली थी. उस समय वो महज 19 साल की थी. अभी कुछ दिन पहले ही घर आई थी. लेकिन अब वो कभी नहीं लौटेगी. “
गुवाहाटी / इंफाल/ हैदराबाद, 13 जून, 2025. सनतोम्बा शर्मा जब यह बात बता रहे थे तो उनके चेहरे पर मायूसी थी और आंखें नम थी. गुजरात के अहमदाबाद में हुए एयर इंडिया विमान हादसे में 21 वर्षीय केबिन क्रू नगनथोई शर्मा ने भी अपनी जान गंवा दी.सनतोम्बा शर्मा उनके ताऊ हैं. पत्रकारों से बातचीत में अपनी भतीजी को याद करते हुए सनतोम्बा शर्मा कहते हैं,” नगनथोई अपने तीन भाई– बहनों में दूसरे नंबर पर थी. एक बड़ी बहन है. ” सनतोम्बा शर्मा बताते हैं, ” हमारे परिवार में ज्यादातर लोग पूजा – पाठ और भोजन बनाने का काम करते हैं. लेकिन नगनथोई परिवार की पहली लड़की थी जो एयर होस्टेस बनी. वह इस नौकरी में कभी दुबई गई तो कभी अमेरिका. उसने हमें बहुत गर्व महसूस कराया है. ” नगनथोई ने साल 2023 में कॉलेज की पढ़ाई करने के दौरान ही एयर होस्टेस की नौकरी हासिल कर ली थी. वह उस दौरान इंफाल के धनमुंजरी ( डीएम ) कॉलेज में पढ़ाई कर रही थी. सनतोम्बा शर्मा के मुताबिक,’ नगनथोई शुरू से पढ़ाई में अच्छी थी. उनकी कुछ दोस्त एयर होस्टेस बनने की ट्रेनिंग ले रही थी. नगनथोई ने भी फॉर्म भरा था और उनका पहली बार में ही चयन हो गया.’ वह कहते हैं, ” हम सब लोग उसे यह नौकरी मिलने से बहुत खुश थे. वो परिवार की पहली लड़की थी जिसने बड़ी कंपनी में नौकरी करने का अपना सपना पूरा किया था. ” मणिपुर के थोबल कस्बे में अवांग लेइकाई इलाके में रहने वाला नगनथोई का परिवार गमगीन है. उनकी मां का रो – रोकर बुरा हाल है. नगनथोई ने लंदन के लिए उड़ान भरने से पहले अपनी बड़ी बहन गीतांजलि को फोन किया था. गीतांजलि अब घर आने वालों को अपनी बहन की सारी तस्वीरें दिखाती हैं और इस बीच रो पड़ती है. वह घर पर आए राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री ओकराम इबोबी सिंह के सामने रोते हुए कहा, ” अगर मेरी बहन नगनथोई मुझे मिलने के लिए बुलाती तो कितनी खुशी होती. लेकिन अब मैं अहमदाबाद उनका शव लेने जा रही हूं. सब कुछ खत्म हो गया. ” नगनथोई के पिता नंदेश कुमार शर्मा ने लोकल मीडिया को बताया कि’ नगनथोई ने अपनी बड़ी बहन से गुरुवार को सुबह करीब 11:30 बजे फोन पर बात की थी. यह उसका आखिरी कॉल था.” नगनथोई ने बड़ी बहन को बताया था कि वह लंदन जा रही है और अगले कुछ दिनों तक फोन नहीं कर पाएगी. उसने कहा था कि वो 15 जून को वापस लौट के बाद कॉल करेगी. ” लेकिन दोपहर में जब विमान के दुर्घटनाग्रस्त होने की खबर गीतांजलि ने मोबाइल पर देखी तो परिजन घबरा गए. उन लोगों ने तुरंत नगनथोई को कॉल किया. नगनथोई के बड़े पापा सनतोम्बा कहते हैं, ” हमें पता था कि वह उसे विमान के अंदर थी. लेकिन हमें एयर इंडिया या किसी प्रतिनिधि से कोई जानकारी नहीं मिली. हमें विमान हादसे की जानकारी न्यूज़ चैनल और सोशल मीडिया से ही पता चली. ” आखिरी बार बीते मार्च में नगनथोई महल तीन-चार दिनों के लिए घर आई थी. दरअसल, उस समय उनके पिता का अस्पताल में इलाज चल रहा था. सनतोम्बा कहते हैं, ” वो अक्सर परिवार वालों से मिलने घर आती थी. गीतांजलि उसकी बड़ी बहन कम और दोस्त ज्यादा थी. गेट पर पहुंचते ही वो गीतांजलि को आवाज लगाती. उसके बिना अब सब कुछ सुना पड़ जाएगा. “

बूढी मां का सहारा थी लैमनुनथेम सिंगसन
12 जून को अहमदाबाद में उड़ान भरने के बाद दुर्घटनाग्रस्त हुए एयर इंडिया के विमान के चालक दल के सदस्यों में नगनथोई के अलावा कुकी जनजाति से ताल्लुक रखने वाली लैमनुनथेम सिंगसन भी थी. कुकी नागरिक समाज संगठन के एक सदस्य ने बताया कि सिंगसन मूल रूप से इंफाल की रहने वाली थी, लेकिन हिंसा भड़काने के बाद वह अपने परिवार के साथ कांगपोकपी जिले में एक किराए के घर में रहने चली आई थी. 25 साल की लैमनुनथेम ने पिछले साल ही एयर इंडिया में बतौर केबिन क्रू ज्वाइन किया था. उनके पिता की मौत हो चुकी है और घर पर बुढी मां है. ” दोनों अपने जीवन में खुश थी. समर्पण और गर्व के साथ सेवा कर रही थी. उनके अचानक चले जाना उनके परिवारों, दोस्तों और हम सभी के लिए बहुत बड़ी नुकसान है. “
