ईडी का केस बेहद अजीब है

कांग्रेस नेताओं पर लगे नेशनल हेराल्ड मामले में शुक्रवार को अदालत में बहस हुई. सोनिया गांधी की ओर से कहा गया कि यह मामला कानूनी तौर पर कमजोर और अजीब है. जबकि ईडी का दावा है कि गांधी परिवार ने धोखे से करोड़ों की संपत्ति पर कब्जा किया.

नई दिल्ली/ हैदराबाद, 5 जुलाई, 2025. नेशनल हेराल्ड मामले में कांग्रेस नेता सोनिया गांधी की ओर से पेश हुए सीनियर एडवोकेट अभिषेक मनु सिंघवी ने अदालत में दलील दी कि ईडी का यह मामला ‘ वास्तव में बेहद अजीब और अभूतपूर्व है. उन्होंने कहा,’ यह मामला सिर्फ अजीब नहीं, बल्कि बहुत ही अनोखा है. यह कथित मनी लॉन्ड्रिंग का मामला है, इसमें ना कोई संपत्ति है, नव संपत्ति का उपयोग या प्रदर्शन शामिल है.’

क्या है नेशनल हेराल्ड केस ?
प्रवर्तन निदेशालय ने कांग्रेस नेता सोनिया गांधी, राहुल गांधी, दिवंगत कांग्रेस नेता मोतीलाल वोरा और ऑस्कर फर्नांडिस इसके अलावा सुमन दुबे, सैम पित्रोदा और एक निजी कंपनी ‘ यंग इंडियन’ पर मनी लांड्रिंग और साजिश के आरोप लगाए हैं. ईडी का आरोप है कि इन लोगों ने एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड ( एजीएल ) की 2, हजार करोड रुपए से अधिक की संपत्तियों को धोखाधड़ी से हड़प लिया. यह वही कंपनी है जो नेशनल हेराल्ड अखबार प्रकाशित करती थी. आरोप है कि ‘ यंग इंडियन’ ने सिर्फ 90 करोड़ रुपए के कर्ज के बदले एजीएल की पूरी संपत्ति अपने हाथ में ले ली.

एजीएल को कर्जमुक्त करने के लिए उठाया गया कदम
मामले की सुनवाई के दौरान सिंघवी ने कहा,’ हर कंपनी को कानून के तहत अपनी देनदारी हटाने की अनुमति होती है. हमने भी वही किया. हमने एजीएल का कर्ज ‘ यंग इंडियन’ को ट्रांसफर किया. ताकि एजीएल कर्जमुक्त
हो जाए.’ उन्होंने बताया कि’ यंग इंडियन’ एक गैर लाभकारी कंपनी है. इसका मतलब यह है कि कंपनी लाभ, बोनस, वेतन या लाभांश नहीं बांट सकती.

‘ ईडी ने वर्षों तक कुछ नहीं किया.’

अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि ईडी ने वर्षों तक इस मामले में कुछ नहीं किया और अचानक एक निजी शिकायत के आधार पर कार्रवाई शुरू कर दी. उन्होंने कहा,’ ये लोग कांग्रेस से जुड़े हुए हैं. अगर नेशनल हेराल्ड किसी गैर कांग्रेसी संस्था के पास चला जाए तो यह ऐसा होगा जैसे ‘हैमलेट नाटक’ हो लेकिन उसमें डेनमार्क का राजकुमार ना हो.’

ईडी की तरफ से क्या दी गई दलील

ईडी की ओर से अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल
एस. वी. राजू ने 3 जुलाई को कहा था कि गांधी परिवार’ यंग इंडियन’ कंपनी के लाभार्थी मालिक है और अन्य शेयर धारकों की मृत्यु के बाद उन्होंने पूरी कंपनी पर नियंत्रण कर लिया. ईडी ने गांधी परिवार समेत
अन्य के खिलाफ मनी लांड्रिंग कानून( पीएमएलए ) की धारा 3 ( मनी लांड्रिंग की परिभाषा) और धारा 4 ( सजा से जुड़ी ) के तहत चार्ज शीट दाखिल की है. इस चार्ज शीट में सोनिया गांधी, राहुल गांधी, सुमन दुबे, सैम पित्रोदा, सुनील भंडारी, यंग इंडियन और डोटोक्स मर्चेंडाइज प्राइवेट लिमिटेड के नाम है. इस मामले में अगली सुनवाई की तारीख जल्द तय की जाएगी. कोर्ट को यह तय करना है कि चार्ज शीट पर संज्ञान लिया जाए या नहीं.