हैदराबाद से तेलंगाना ब्यूरो चीफ देहाती विश्वनाथ की खास रिपोर्ट.
तेलंगाना के मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी ने करण अडानी से मुलाकात के बाद कहा कि वह डाटा सेंटर, एयरोस्पेस पार्क और इंडस्ट्री स्थापित करने के लिए सहयोग करने को तैयार है .
हैदराबाद,4 जनवरी, 2024. अडानी पोर्ट्स और स्पेशल इकोनामिक जोन ( एपीएसईजेड ) के सीईओ और गौतम अडानी के बेटे करण अडानी ने बुधवार( 3 जनवरी) को तेलंगाना के मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी से मुलाकात की. बाद में मुख्यमंत्री रेवंत ने मीडिया से कहा कि अडानी ग्रुप को तेलंगाना में इंडस्ट्री स्थापित करने के लिए कहा गया है. मुख्यमंत्री कार्यालय ने बताया कि अडानी ग्रुप तेलंगाना में डाटा सेंटर और एयरोस्पेस पार्क स्थापित करेगा. इसके लिए अडानी ग्रुप ने हामी भरदी है.* रेवंत रेड्डी ने क्या कहा ? मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी ने कहा, तेलंगाना सरकार डाटा सेंटर और एयरोस्पेस पार्क एवं इंडस्ट्री स्थापित करने के लिए अडानी ग्रुप का हर तरह से सहयोग करने को तैयार है . उन्होंने कहा, इसको लेकर हमने उन्हें आस्वस्त किया है. इससे राज्य में रोजगार के अवसर बढ़ेंगे . अडानी ग्रुप ने कहा कि कंपनी मौजूदा परियोजनाओं को जारी रखेगी और नए प्रोजेक्ट स्थापित करने को लेकर राज्य सरकार से आवश्यक सहयोग की अपेक्षा करेगी. तेलंगाना में सरकार बदलने के बावजूद उद्योग स्थापित करने और नई नौकरियां पैदा करने के लिए कंपनी तैयार है. बता दें कि हाल में हुए तेलंगाना विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने बड़ी जीत हासिल की थी और केसीआर की बीआरएस को सत्ता से बाहर कर दिया था. कांग्रेस ने राज्य की 119 में से 64 सीटों पर जीत हासिल की थी. वहीं बीआरएस के खाते में 39 सीटें गई थी.
अडानी ग्रुप को सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत
अडानी समूह को लेकर पिछले 1 साल से चल रही विवाद पर सुप्रीम कोर्ट ने विराम लगा दिया है. सुप्रीम कोर्ट ने मामले की जांच के लिए एसआईटी बनाने की मांग ठुकरा दी है . कोर्ट ने कहा है कि मामले की जांच सिक्युरिटीज और एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया यानी सेबी ने की है और उससे वह संतुष्ट हैं . याचिकाकर्ता कोई भी ऐसा ठोस आधारनहीं रख पाए हैं, जिसके चलते जांच का जिम्मा किसी और एजेंसी को सपने की जरूरत लगे . चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस जेबी पारडीवाला और मनोज मिश्रा की बेंच ने कहा कि अखबारों में छपी रिपोर्ट के आधार पर सेबी जैसी संस्था की विश्वसनीयता पर शक नहीं किया जा सकता. सेबी ने मामले से जुड़े 24 में से 22 बिंदुओं की जांच पूरी कर ली है . जिन दो पहलुओं पर जांच लंबित है, उसे भी सबी 3 महीने में पूरा कर लेगी. इसके बाद वह अपनी रिपोर्ट के आधार पर जरूरी कार्रवाई करेगी. दरअसल, अमेरिकी संस्था हिडेनबर्ग रिसर्च की पिछली साल आई रिपोर्ट में अडानी समूह पर गंभीर आरोप लगाए गए थे. इसमें कहा गया था कि अडानी समूह ने स्टॉक मार्केट के नियमों का उल्लंघन करके गलत तरीके से अपने शेयरों की कीमत बढ़ाई. उसने शेयर बाजार में न्यूनतम शेयर जारी करने से जुड़े नियमों का भी पालन नहीं किया . सुनवाई के दौरान यह बात सामने आई कि हिडनबर्ग रिसर्च शॉर्ट सेलिंग यानी शेयरों की कीमत गिराकर लाभ उठाने की प्रक्रिया से यह जुड़ी संस्था है . सेबी ने यह भी बताया कि हिडेनबर्ग रिपोर्ट के बाद जिस तरह अडानी के शेयरों की कीमत गिरी, उससे निवेशकों को बहुत नुकसान हुआ. लेकिन कुछ बड़ी संस्थाओं ने इससे काफी फायदा उठाया. सुप्रीम कोर्ट ने अब सेबी से इस पहलू की भी जांच करने को कहा है. सुनवाई के दौरान सेबी के लिए पेश सालिसिटर जरनल तुषार मेहता ने याचिकाकर्ता के वकील प्रशांत भूषण पर आरोप लगाया था कि उन्होंने विदेशी मीडिया में लेख छपाई और फिर उन्हीं के आधार पर सुप्रीम कोर्ट में आरोप लगाए . सुप्रीम कोर्ट ने इसे खारिज कर दिया .