तेलंगाना कांग्रेस ने सोनिया गांधी को राज्य की किसी भी सीट से चुनाव लड़ने का प्रस्ताव पारित किया है . अगर सोनिया या प्रियंका तेलंगाना से चुनाव लड़ती हैं, तो केसीआर अपनी बेटी के. कविता को उनके खिलाफ चुनाव मैदान में उतार देंगे. हैदराबाद से तेलंगाना ब्यूरो चीफ देहाती विश्वनाथ की यह खास रिपोर्ट.
हैदराबाद, 5 जनवरी, 2024. कांग्रेस को तेलंगाना विधानसभा चुनाव में प्रचंड जीत मिली है . दक्षिण के इस राज्य में मिली जीत के बाद तेलंगाना कांग्रेस के नेताओं का उत्साह बढ़ा हुआ नजर आ रहा है. इस बीच तेलंगाना कांग्रेस ने सोनिया गांधी को लेकर पारित प्रस्ताव में कहा गया है कि वह उनके प्रदेश से ही लोकसभा चुनाव लडें. अटकलें यह भी लगाई जा रही है कि सोनिया की जगह प्रियंका गांधी तेलंगाना से चुनाव लड़ सकती हैं. ऐसे में अब बीआरएस प्रमुख और पूर्व मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव ( केसीआर ) ने कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी के खिलाफ अपनी बेटी के. कविता को चुनाव मैदान में उतरने की तैयारी शुरू कर दी है. सूत्र बताते हैं कि अगर सोनिया या प्रियंका गांधी तेलंगाना की किसी भी सीट से चुनाव लड़ती हैं, तो उस सीट से बीआरएस के. कविता को उम्मीदवार बनाएगी. विधानसभा चुनाव में मिली हार के बाद बीआरएस लोकसभा चुनाव की तैयारियों में जुट गई है. इसके लिए संसदीय क्षेत्रों में बैठकें हो रही है. सूत्रों का कहना है कि अगर गांधी परिवार तेलंगाना से चुनाव मैदान में उतरता है, तो उनके खिलाफ निजामाबाद से पूर्व सांसद और केसीआर की बेटी कविता को उम्मीदवार बनाया जाएगा.
मेडक से चुनाव लड़ सकती हैं सोनिया
सोनिया गांधी को लेकर तेलंगाना में प्रस्ताव पारित होने के बाद से अटकलें लगाई जा रही है कि वह या प्रियंका गांधी तेलंगाना के मेडक सीट से दंगल में उतर सकती हैं. दरअसल, इस सीट से पूर्व पीएम इंदिरा गांधी भी चुनाव लड़ चुकी हैं. कांग्रेस नेता मधु गौड ने कहा है कि हमने प्रस्ताव पारित किया है कि उनके चुनाव लड़ने से पूरे दक्षिण भारत में पार्टी को फायदा होगा. अगर तेलंगाना कांग्रेस का प्रस्ताव मानते हुए सोनिया राज्य की किसी भी सीट से चुनाव लड़ती हैं, तो वह रायबरेली की सीट छोड़ सकती है. सोनिया फिलहाल रायबरेली से सांसद हैं . रायबरेली सीट कांग्रेस का गढ़ रही है . सोनिया गांधी बीते चार चुनाव यहां से जीतती रही हैं . उनको यहां हर चुनाव में 50% से ज्यादा वोट मिले हैं . देश में अब तक हुए 17 लोकसभा चुनाव में तीन चुनाव छोड़ दे तो यह सीट हर बार कांग्रेस के पास रही है . देश के 72 वर्ष के चुनावी इतिहास में उत्तर प्रदेश की रायबरेली सीट 66 वर्ष तक कांग्रेस के पास रही है.