वो फैक्टर जो करणपुर में आ गया कांग्रेस के काम, चुनाव हार गए मंत्री व बीजेपी के सुरेंद्र सिंह टीटी .

हैदराबाद से तेलंगाना ब्यूरो चीफ देहाती विश्वनाथ की रिपोर्ट.

जयपुर/ हैदराबाद, 8 जनवरी, 2024. करणपुर विधानसभा उपचुनाव में बीजेपी वोटिंग और चुनाव से पहले ही सुरेंद्र सिंह टीटी को मंत्री बनाने का दांव चला, लेकिन वह काम नहीं आया और कांग्रेस के प्रत्याशी रुपिंदर सिंह ने उन्हें भारी मतों से पराजित कर दिया. माना जाता है कि उन्हें अपने पिता गुरमीत सिंह कुन्नर के निधन की सहानुभूति का लाभ मिला. राजस्थान में मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा पहली परीक्षा में फेल हो गए हैं. बीजेपी को करणपुर विधानसभा उपचुनाव में तगड़ा झटका लगा है . कांग्रेस प्रत्याशी रुपिंदर सिंह कुन्नर मैं बीजेपी उम्मीदवार तथा राज्य मंत्री सुरेंद्र सिंह टीटी को 125 70 वोटो से पराजित कर दिया. बीजेपी ने करणपुर सीट पर जीत का परचम लहराने के लिए सुरेंद्र सिंह टीटी को विधायक बनने से पहले मंत्री बनाकर भजनलाल शर्मा कैबिनेट में शामिल कर लिया था, लेकिन वो काम नहीं आ सका. कांग्रेस प्रत्याशी रुपिंदर सिंह को अपने पिता के निधन की सहानुभूति का लाभ मिला, जो बीजेपी के मंत्री दांव पर भारी पड़ गई. श्री गंगानगर की करणपुर सीट से कांग्रेस प्रत्याशी रहे गुरमीत सिंह कुन्नर कि अचानक निधन के बाद इस सीट पर चुनाव रद्द कर दिया गया था. चुनाव आयोग ने बाद में घोषणा की थी कि 5 जनवरी को करणपुर सीट पर मतदान होगा. कांग्रेस ने गुरमीत कुन्नर के बेटे रुपिंदर सिंह कुन्नर को प्रत्याशी बनाया, तो बीजेपी ने अपने पहले वाले प्रत्याशी सुरेंद्र सिंह टीटी पर ही भरोसा जताया . बता दें कि भजनलाल शर्मा के अगुवाई में बीजेपी की जब सरकार बनी तब कैबिनेट का गठन हुआ और सुरेंद्र सिंह टीटी को राज्य मंत्री ( स्वतंत्र प्रभार ) बनाने का दांव चला ताकि चुनाव में सियासी लाभ भाजपा को मिल सके. हालांकि कांग्रेस ने उन्हें मंत्री बनाए जाने की आलोचना की थी . खबर है कि मंत्री सुरेंद्र सिंह टीटी अपनी जीत को लेकर काफी आस्वस्त थे लेकिन जनता तो जनार्दन है.