” बीआरएस शासन को तानाशाही कहना ” तेलुगु जनता का अपमान, केटीआर ने राज्यपाल के बयान पर किया पलटवार.

तेलंगाना के राज्यपाल तमिलिसाई सुंदरराजन के 26 जनवरी के संबोधन में पूर्व के भारत राष्ट्र समिति शासन को तानाशाही बताने पर बीआरएस नेता के. तारक रामाराव ने पलटवार किया है. उन्होंने कहा है कि राज्यपाल ने अपने भाषण में जिस तरह के शब्दों का इस्तेमाल किया, वास्तव में तेलंगाना के लोगों के लिए अपमानजनक है . केटीआर ने गवर्नर की टिप्पणी को बकवास बताया.

हैदराबाद से तेलंगाना ब्यूरो प्रमुख देहाती विश्वनाथ की रिपोर्ट.

हैदराबाद,30 जनवरी,2024. तेलंगाना की तीसरी विधानसभा के पहले संयुक्त सत्र में अपने संबोधन में राज्यपाल तमिलिसाई सुंदरराजन ने पिछली भारत राष्ट्र समिति सरकार पर जोरदार हमला किया था. जिसके जवाब में बीआरएस नेता केटीआर ने राज्यपाल की टिप्पणी को निंदनीय बताया. उन्होंने कहा, ” जिस तरह का भाषण, जिस तरह के शब्द, जिस तरह की बकवास राजभन सी आ रही थी, उचित नहीं है. क्योंकि पिछले 10 साल से तेलंगाना में लोकतांत्रिक तरीके से क्यों नहीं हुई सरकार थी . राज्यपाल ने अपने भाषण में जो भी शब्द इस्तेमाल किया, वह वास्तव में तेलंगाना के लोगों का अपमान है. केटीआर ने कहा गवर्नर सुंदर राजन के बयान राजनीतिक है. वे भाजपा कार्यकर्ता लगते हैं. ऐसा भारत राष्ट्र समिति के नेता ने राज्यपाल पर आरोप लगाया है . उन्होंने कहा कि लगता है गवर्नर दुर्भाग्य से कांग्रेस पार्टी में शामिल हो गई हैं . इसके बाद उन्होंने कांग्रेस के प्रति अपना स्नेह प्रदर्शित करने के लिए ऐसे बयान दिए हैं.

गवर्नर ने क्या कहा था?

दरअसल, 26 जनवरी को राज्यपाल तमिलिसाई सुंदरराजन ने विधानसभा में अपने भाषण के दौरान कांग्रेस की तारीफ की थी . उन्होंने कहा था कि रेवंत रेड्डी सरकार सभी वर्गों के लोगों को समान अवसर प्रदान करने, सामाजिक न्याय प्रदान करने और स्वतंत्रता प्रदान करने का प्रयास कर रही है. राज्यपाल ने कहा, हमने संविधान की प्रेरणा और उसमें निहित अधिकारों के साथ एक अलग तेलंगाना राज्य हासिल किया . संविधान ने लोगों को संवैधानिक भावना के खिलाफ शासन करने वाली सरकारों को समाप्त करने का अवसर भी प्रदान किया. सरकार का मुख्य उद्देश्य 100 दिनों में चार अन्य गारंटीयों को लागू करना और लोगों के चेहरों पर मुस्कान देखना है. पिछली सरकार ने राज्य के वित्त का जिस प्रकार से कुप्रबंधन किया, जिसके कारण संसाधनों के संबंध में राज्य में अनिश्चित स्थिति पैदा हो गई थी.