पतंजलि भ्रामक विज्ञापन मामले में आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई . इस दौरान बाबा रामदेव और बालकृष्ण कोर्ट में पेश हुए . जस्टिस हिमा कोहली और जस्टिस अमानुल्लाह की बेंच यह सुनवाई की. सुप्रीम कोर्ट ने सख्ती दिखाते हुए स्वामी रामदेव का बिना शर्त माफी का हलफनामा खारिज कर दिया.
हैदराबाद से राजनीतिक संपादक देहाती विश्वनाथ की विशेष रिपोर्ट
नई दिल्ली/हैदराबाद,10 अप्रैल,2024.पतंजलि भ्रामक विज्ञापन मामले में आज यानी 10 अप्रैल को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई . इस दौरान बाबा रामदेव और बालकृष्ण कोर्ट में पेश हुए. जस्टिस हिमा कोहली और जस्टिस अमानुल्लाह की बेंच ने यह सुनवाई की . इससे पहले 2 अप्रैल को हुई सुनवाई में पतंजलि की तरफ से माफीनामा की अर्जी लगाई गई थी .
हम हलफनामे को ठुकरा रहे हैं – सुप्रीम कोर्ट
जस्टिस अमानुल्लाह ने कहा, आप हलफनामे में धोखाधड़ी कर रहे हैं, इसे किसने तैयार किया ? मुझे आश्चर्य है . वहीं, जस्टिस कोहली ने कहा कि आपको ऐसा हलफनामा नहीं देना चाहिए था. इस पर वकील मुकुल रोहतगी ने कहा कि हमसे गलती हुई है .
ईश्वर सुप्रीम कोर्ट ने कहा– चूक !
बहुत छोटा शब्द, वैसे भी हम इस पर फैसला करेंगे. कोर्ट ने कहा कि हम इसको जानबूझकर कोर्ट के आदेश की अवहेलना मान रहे हैं. सुप्रीम कोर्ट ने कहा, ” हमारे आदेश के बाद भी? हम इस मामले में इतना उदार नहीं होना चाहते . हम हलफनामा को ठुकरा रहे हैं. यह केवल कागज का टुकड़ा है . हम अंधे नहीं हैं . हमें सब दिखता है. इस पर वकील मुकुल रोहतगी ने कहा कि लोगों से गलतियां होती है तो फिर सुप्रीम कोर्ट ने कहा, फिर गलतियां करने वालों को भुगतना भी पड़ता है. फिर उन्हें तकलीफ उठानी पड़ती है . हम इस मामले में इतने उदार नहीं होना चाहते. सुप्रीम कोर्ट ने कहा,’ इन तीनों ड्रग्स लाइसेंसिंग अधिकारियों को अभी सस्पेंड कीजिए. यह लोग आपकी नाक के नीचे दबदबा बनाते हैं, आप इसे स्वीकार करते हैं? आयुर्वेद दवाओं का कारोबार करने वाली उनसे भी पुरानी कंपनियां हैं. अदालत का माख़ौल बनाया जा रहा है. इनका कहना है कि विज्ञापन का उद्देश्य लोगों को आयुर्वेदिक दवाओं से जुड़े रखना है, मानो वह दुनिया में आयुर्वेदिक दवाएं लाने वाले पहले व्यक्ति हैं.
अधिकारी को लगाईफटकार
कोर्ट ने कहा,हमें रिपोर्ट दें, जिसमें तीन नोटिस दिए गए थे उसके बाद क्या कार्रवाई हुई है? ड्रग्स विभाग के ज्वाइंट डायरेक्टर मिथिलेश कुमार को हिंदी में डांटते हुए कोर्ट ने कहा, आपको शर्म आनी चाहिए . आपने किस आधार पर कहा कि दोषियों को चेतावनी दी जाएगी ? आपने इस मामले में किस लीगल डिपार्मेंट अथवा एजेंसी से सलाह ली? इससे ज्यादा हिंदी में हम नहीं समझ सकते . क्यों ना आपके खिलाफ कार्रवाई हो. आपने बहुत नौकरी कर ली, अब घर बैठिए .