जीएसटी चोरी का 500 करोड़ रुपए अखबार में लगाए

किशोर वाधवानी ने जीएसटी चोरी का 500 करोड़ रुपए अखबार और दूसरे धंधे में लगाए

गुटखा किंग और ‘ दबंग दुनिया’ अखबार के मालिक किशोर वाधवानी और उनके भतीजे नितेश वाधवानी गंभीर कानूनी मुश्किलों में फस गए हैं. 10 फरवरी 2021 को डीजीजीआई भोपाल की इंदौर यूनिट के आवेदन पर तुकोगंज थाने में उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई थी.


इंदौर/ हैदराबाद, 15 मार्च,

इंदौर के गुटखा किंग और ‘ दबंग दुनिया’ प्रालि अखबार के कर्ताधर्ता किशोर वाधवानी बड़ी मुश्किल में आ गए हैं. डीजीजीआई भोपाल की इंदौर यूनिट के आवेदन पर तुकोगंज थाने में वाधवानी और उनके भतीजे नितेश वाधवानी के खिलाफ 10 फरवरी 2021 में 420 और अन्य गंभीर धाराओं में एफआईआर हुई थी. इसे निरस्त करने के लिए लगा हाई कोर्ट में अर्जी खारिज हो गया है. साथ ही मामले में पुलिस को 2 माह में पूरी जांच के आदेश दिए गए हैं. कोर्ट में सुनवाई के दौरान जांच एजेंसियों ने वाधवानी को लेकर गंभीर खुलासे भी किए हैं.

क्या है मामला ?
वाधवानी एलोरा टोबेको कंपनी ( ईटीसीएल ) के प्रोपराइटर है . इस कंपनी पर डीजीजीआई की इंदौर यूनिट ने जून 2020 में छापे मारे . छापे में भारी मात्रा में पान मसाला, गुटखे के कारोबार में जीएसटी चोरी सामने आई. इसके बाद इनके खिलाफ 2 हजार करोड़ के टैक्स डिमांड नोटिस जारी हुए. यह चोरी उन्होंने जुलाई 2017 से जून 2020 की अवधि में की थी. इस पर विभाग ने उन्हें 15 जून 2020 को अरेस्ट भी किया था, बाद में उनकी जमानत हुई . इस जांच के दौरान यह बात सामने आया कि वाधवानी जो ‘ दबंग दुनिया ‘ अखबार में भी डायरेक्टर हैं, उन्होंने अपने अखबार की खपत 60 हजार से एक लाख दिखाई जबकि 6 से 8 हजार मात्र थी. इस दौरान उन्होंने फर्जी इनवॉइस जेनरेट किए और जीएसटी चोरी का 500 करोड़ रुपए ‘ दबंग दुनिया ‘ अखबार और अन्य बिजनेस में खपाए . अखबार में फर्जी विज्ञापन के फर्जी इनवॉइस जारी हुए. डीजीजीआई ने इस मामले में किशोर वाधवानी और उनके भतीजे नितेश वाधवानी पर 10 फरवरी 2021 में आईपीसी धारा 420, 467, 468, 471 एवं 120 बी के तहत केस दर्ज करा दिया.

आसाराम और वाधवानी की लिंक ऐसे आई सामने

हाल ही में खुलासा हुआ है कि जमानत पर बाहर आए आसाराम का इंदौर आने के पीछे का मकसद है रुपए की वसूली करना . इसमें एक चाय कंपनी, एक स्कूल संचालक और एक अखबार का संस्थान प्रमुख है . बताया जाता है कि यह राशि आसाराम द्वारा उन्हें ब्याज पर और धंधे में लगाने के लिए दी गई, लेकिन उनके जेल जाने के बाद यह सब डूबत खाते में आ गई. इस दौरान आसाराम ने जमानत में बाहर आने पर इंदौर में रहने के दौरान कई लोगों से मुलाकात भी की. अब हाई कोर्ट मामले की सुनवाई में आसाराम के गुरुकुल विद्यालय और आडवाणी के बीच लिंक आई है. जाट एजेंसियों ऑन रिकॉर्ड कागज पर बताया है कि’ दबंग दुनिया’ में 2 करोड़ 40 लाख रुपए का फर्जी इनवॉइस के जरिए गुरुकुल विद्यालय का फर्जी विज्ञापन चलाना बताया गया. जब गुरुकुल विद्यालय एडमिन से इसकी जानकारी ली गई तो उन्होंने पुलिस को बताया कि कोई विज्ञापन नहीं दिया गया. यह गुरुकुल आसाराम आश्रम के सामने स्थित है और इसमें ऑन रिकॉर्ड आसाराम को अपनी प्रेरणा बताया गया है. यह उनके सानिध्य में ही चलता है. अब सवाल उठता है कि, जब स्कूल एडमिन विज्ञापन देने से मना कर रहा है तो फिर बात आती है कि यह राशि 2 करोड़ 40 लाख रुपए किसकी थी. आसाराम से जुड़े स्कूल का विज्ञापन फर्जी कैसे हो सकता है और इस बताकर 2.40 करोड़ रुपए खपाए गए. यह ब्लैक कमाई किसकी थी. इन सभी मामले की जांच पुलिस कर रही है.

मित्र मंडल के नाम पर जारी हुए फर्जी इनवॉइस

जांच से पता चला है कि कुल 90 4 इस तरह के फर्जी इनवॉइस हैं, जो फर्जी विज्ञापन के लिए जारी हुए थे और इसके जरिए अखबार में करोड़ों की काली कमाई खफाई गई . इसमें विज्ञापन मुख्य तौर पर मित्र मंडल के नाम से जारी हुए थे, जिनमें कोई अते – पते जांच एजेंसियों को नहीं मिल रहे हैं. एक चाय संचालक के बड़े विज्ञापन के इनवॉइस सामने आए थे, लेकिन यह असल में मिले ही नहीं, बाद में इन चाय संचालक के अलग से एक मैगजीन और अन्य विज्ञापन प्रकाशित हुए और जांच एजेंसी को कहां गया कि हमने तो इसके लिए यह राशि ली थी . यह सभी जांच में है.

गुरुकुल विद्यालय की प्रेरणा आसाराम
गुरुकुल विद्यालय खंडवा रोड पर आसाराम के आश्रम के सामने ही स्थित है. इस स्कूल की वेबसाइट पर मुख्य प्रेरणा स्रोत इंस्पिरेशन संत आसाराम को बताया गया है. स्कूल परिसर में हर जगह पर उन्हीं की फोटो, नाम लिखे हुए हैं .