‘ सवर्णों के लिए अलग देश बनेगा…,

बृजभूषण शरण सिंह ने कहा है कि जातीय जनगणना होने पर बम फूटेगा और सारे सवर्ण देश से बाहर हो जाएंगे. हमारे लिए अलग देश बनेगा, हम आसमान में चले जाएंगे.

औरंगाबाद/ हैदराबाद, 17 मई, 2025. भारतीय कुश्ती संघ के पूर्व अध्यक्ष और भाजपा के दिग्गज नेता बृजभूषण शरण सिंह ने जातीय जनगणना को लेकर नाराजगी जताई है . वे बिहार के औरंगाबाद में एक सवाल के जवाब में कहा कि जातीय जनगणना के बाद बम फूटेगा और सवर्ण आसमान में चले जाएंगे. बृजभूषण शरण सिंह ने कहा, पूरा देश जातीय जनगणना चाहता है. यह मांग पहले बिहार और उत्तर प्रदेश से शुरू हुई. कुछ लोग इसे लेकर हाय तौबा मचा रहे हैं. उन्होंने भड़कते हुए कहा कि जातीय जनगणना होने पर बम फूटेगा और सारे सवर्ण देश से बाहर चले जाएंगे. हमारे लिए अलग देश बनेगा, हम आसमान में चले जाएंगे. साथ ही उन्होंने कहा कि मुझे राजपूत का नेता नहीं मानिए, इससे उन्हें दुख होता है. वे सर्व समाज की बात करते हैं और सर्व समाज के नेता हैं . इस दौरान बृजभूषण शरण सिंह ने महिला उत्पीड़न, दहेज उत्पीड़न और दलित उत्पीड़न कानून पर सवाल उठाया. उन्होंने कहा कि देश इन तीन कानून से बहुत परेशान है . बृजभूषण शरण ने कहा कि देश से इन तीन कानूनों को हटा देना चाहिए. अपने ऊपर लगे यौन शोषण के आरोपों पर प्रतिक्रिया देते हुए बृजभूषण शरण सिंह ने कहा कि दहेज उत्पीड़न, एससी / एसटी और यौन उत्पीड़न जैसे कानून को बनाए गए थे संबंधित लोगों के संरक्षण के लिए, मगर वही लोग अब अपने विरोधियों को परास्त करने के लिए इन कानूनों का दुरुपयोग करने लगे हैं, जो पूरी तरह से अनुचित है. उन्होंने कहा कि या तो इन्हें खत्म कर देना चाहिए या फिर इसके दुरुपयोग पर रोक लगाने की कोशिश होनी चाहिए. उन्होंने कहा, मेरे ऊपर यौन शोषण का जो आरोप लगे हैं वह पूरी तरह से बेबुनियाद है.’
इससे पहले बृजभूषण शरण सिंह ने ऑपरेशन सिंदूर की सराहना की और इसकी सफलता और युद्ध विराम के बाद किंतु परंतु की राजनीति को लेकर विपक्ष पर बड़ा हमला बोला. ऑपरेशन सिंदूर देश के लिए गर्व की बात है . इसे लेकर सारे दलों के नेताओं ने सरकार का साथ दिया था. इसे लेकर किसी तरह की किंतु परंतु की राजनीति नहीं होनी चाहिए थी, लेकिन युद्ध विराम के बाद अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की रोज बयानबाजी को लेकर किंतु परंतु की राजनीति की जा रही है. भाजपा नेता ने कहा कि कुछ लोगों को लगता है कि युद्ध विराम नहीं होना चाहिए. जो लोग मानते हैं कि युद्ध ही सभी समस्या का हल है. ऐसे लोगों को मैं पूछना चाहता हूं कि 1971 में जब 62000 पाकिस्तानी सैनिक युद्ध बंदी बना लिए गए थे, तो उसे वक्त युद्ध बंदियों को छोड़ने के मामले पर पाक अधिकृत कश्मीर( पीओके ) लेने की शर्त क्यों नहीं लगाई. उस वक्त कह देते कि या तो पीओके दो कभी सैनिक मिलेंगे. लेकिन उस वक्त ऐसा नहीं कहा ?.