गलती हुई’, राहुल गांधी ने पूरे ओबीसी समाज से माफी मांगी, क्या यह पिता राजीव गांधी के 1990 वाले बयान के लिए ?

हैदराबाद से समाचार संपादक देहाती विश्वनाथ की यह विशेष रिपोर्ट

राहुल गांधी ने ओबीसी समुदाय से माफी मांगते हुए स्वीकार किया कि कांग्रेस ने उनके मुद्दों को गंभीरता से नहीं लिया . यह माफी 1990 में राजीव गांधी के मंडल विरोधी रुख के लिए मानी जा सकती है. राहुल ने जातिगत जनगणना का समर्थन कर सामाजिक न्याय की नई राह पकड़ी है.
नई दिल्ली/ हैदराबाद, 26 जुलाई, 2025. कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने शुक्रवार को अपनी और पार्टी की एक ‘ गलती’ बताई. ओबीसी समाज से ‘ माफी’ मांगते हुए, राहुल गांधी ने स्वीकार किया कि कांग्रेस और उन्होंने व्यक्तिगत रूप से, पिछड़े वर्गों के लिए उतना कम नहीं किया जितना किया जाना चाहिए था. दिल्ली के तालकटोरा स्टेडियम में हुए ‘ भागीदारी न्याय सम्मेलन ‘ में राहुल गांधी की माफी ने इतिहास के कुछ पुराने पन्ने भी खोल दिए हैं. राहुल की यह ‘ माफी’ एक आत्म चिंतन का नतीजा लग सकती है, लेकिन बात थोड़ी गहरी है. क्या राहुल ने अपने पिता और पूर्व प्रधानमंत्री दिवंगत राजीव गांधी के स्टैंड को भी ‘ गलत’ मानते हुए माफी मांगी है? क्या राहुल का बयान 1990 में मंडल आयोग के विरोध में दिए गए राजीव के बयान के लिए भी अप्रत्यक्ष माफी थी ? राजीव गांधी ने तब ओबीसी आरक्षण का खुलकर विरोध किया था .
तो राहुल गांधी दूसरा अंबेडकर साबित होंगे’, ओबीसी से अपील करते हुए क्या कहा उदित राज
उदित राज ने कहा, ‘ तेलंगाना में जातिगत जनगणना समाज का एक्स – रे है. राहुल गांधी इस पूरे देश में लागू करना चाहते हैं. उनके विचार दूरदर्शी हैं. अगर दलित और पिछड़ा वर्ग आगे आए तो हमारी अर्थव्यवस्था को बढ़ावा मिलेगा.’+ कांग्रेस लीडर उदित राज ने लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी की तुलना संविधान निर्माता बाबासाहेब अंबेडकर से की है. उन्होंने कहा कि भागीदारी न्याय सम्मेलन में राहुल गांधी की कही गई बातों को अगर अन्य पिछड़ा वर्ग ( ओबीसी) सुन ले तो वे उनके लिए ‘ दूसरा अंबेडकर साबित होंगे’. उदित राज ने कहा कि ओबीसी को विपक्ष के नेता के बयानों का समर्थन करना चाहिए. उन्होंने बताया,’ तेलंगाना में जातिगत जनगणना समाज का एक्स- रे है. राहुल गांधी इस पूरे देश में लागू करना चाहते हैं. उनके विचार दूरदर्शी हैं. अगर दलित और पिछड़ा वर्ग आगे आए तो हमारी अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगा. समाज में मौजूद असमानता कम होगी. अगर ओबीसी समझ लें कि राहुल गांधी ने क्या कहा तो वे उनके लिए दूसरा अंबेडकर साबित होंगे. उदित राज ने एक्स पर लिखा, ‘ ओबीसी को सोचना पड़ेगा इतिहास बार-बार प्रगति के लिए मौका नहीं देता. तालकटोरा स्टेडियम के सम्मेलन में जो बात राहुल गांधी ने कही उसे पर चल पड़े और साथ दें. अगर ऐसा करते हैं तो इनके लिए राहुल गांधी दूसरा अंबेडकर साबित होंगे.’ राहुल गांधी ने शुक्रवार को कहा था कि उनकी पार्टी सत्ता में रहने के दौरान जाति जनगणना नहीं करवा पाना उनकी गलती है, लेकिन अब उन्होंने इस गलती को सुधारने के लिए कदम बढ़ाया है. उन्होंने कहा कि जाति जनगणना का मुद्दा राजनीतिक भूकंप है जिसने देश की राजनीति की जमीन को हिला कर रख दिया है.
राहुल गांधी का क्या है बयान
कांग्रेस के ओबीसी भागीदारी न्याय सम्मेलन को संबोधित करते हुए राहुल गांधी ने कहा,’ मैं 2004 से राजनीति कर रहा हूं . जब मैं अपना मूल्यांकन करता हूं तो पता हूं कि कहीं अच्छा काम किया तो कहीं कमी भी रह गई. आदिवासियों, दलितों और अल्पसंख्यकों की बात हो, मुझे अच्छे नंबर मिलने चाहिए. लेकिन मैं पीछे मुड़कर देखता हूं तो एक बात स्पष्ट दिखती है कि एक चीज में कमी रह गई थी. यह एक गलती मैंने की, वह यह है कि ओबीसी वर्ग की रक्षा जिस तरह से करनी थी, वो मैंने नहीं की . इसका कारण यह है कि आपके मुद्दे मुझे उसे समय गहराई से समझ नहीं आए थे.’