बिहार में ड्राफ्ट वोटर लिस्ट पर रोक नहीं, ईसी को आधार और वोटर कार्ड लेने को कहा गया

सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को चुनाव आयोग के विशेष गहन पुनरीक्षण के बाद 1 अगस्त को मतदाता सूची का मसौदा ( ड्राफ्ट वोटर लिस्ट) जारी करने पर रोक लगाने से मना कर दिया. लेकिन आयोग को आधार कार्ड और वोटर आईडी कार्ड लेने को कहा गया है. कल यानी मंगलवार को कोर्ट बहस की तारीख तय करेगा.

नई दिल्ली/ हैदराबाद, 28 जुलाई, 2025. सुप्रीम कोर्ट ने बिहार में मतदाता सूची के मसौदा ( ड्राफ्ट वोटर लिस्ट) के प्रकाशन पर कोई रोक नहीं लगाई है लेकिन चुनाव आयोग को कहा गया है कि वो इस प्रक्रिया में आधार कार्ड और मतदाता फोटो पहचान पत्र यानी वोटर आईडी कार्ड( ईपीआईसी ) को शामिल करें . अदालत विशेष गहन पुनरीक्षण पर बहस की तारीख अब मंगलवार को तय करेगी. बेंच ने चुनाव आयोग से कहा कि यह प्रक्रिया बड़े पैमाने पर नाम काटने के बदले नाम जोड़ने जैसी होनी चाहिए. अदालत ने याचिकाकर्ताओं के वकीलों से पूछा कि बहस के लिए कौन कितना समय लेगा. सुप्रीम कोर्ट ने पिछली तारीख पर आयोग से कहा था कि वो आधार कार्ड, वोटर कार्ड और राशन कार्ड को लिए जा रहे दस्तावेजों की सूची में शामिल करने पर विचार करें. चुनाव आयोग ने कोर्ट में दाखिल जवाब में कहा कि ये तीनों दस्तावेज भरोसेमंद नहीं है, क्योंकि इन्हें गलत तरीके से फर्जी बनाया जा सकता है. जस्टिस सूर्यकांत ने सोमवार को सुनवाई के दौरान आयोग से कहा कि दुनिया का कोई भी पेपर फर्जी बनाया जा सकता है. कोर्ट ने चुनाव आयोग से कहा कि आपकी लिस्ट वाले पेपर भी निर्णायक नहीं है. कोर्ट ने आयोग से पूछा कि क्या वो आधार कार्ड और मतदाता फोटो पहचान पत्र स्वीकार करेगा. आयोग ने कहा कि उसे राशन कार्ड स्वीकार करने में दिक्कत है. आयोग ने कहा कि वोटर आईडी तो फार्म में पहले से प्रिंटेड है और फॉर्म में वोटर को आधार नंबर भरना है . आयोग ने कोर्ट को बताया कि अदालत का ही आदेश है कि आधार कार्ड नागरिकता की पहचान का दस्तावेज नहीं है. संसद परिसर में सोमवार सुबह विपक्षी सांसदों ने एसआईआर रोकने की मांग को लेकर प्रदर्शन भी किया, जिसमें प्रियंका गांधी भी शामिल हुई. विपक्ष लगातार वोटर लिस्ट रिवीजन के खिलाफ बोल रहा है. बिहार में इस मसले पर महागठबंधन ने बीते दिनों बंद का आयोजन भी किया था जिसमें राहुल गांधी भी मौजूद थे. इन दलों का कहना है कि चुनाव आयोग मतदाताओं का नाम काटने के लिए बीजेपी के इशारे पर काम कर रहा है. चुनाव आयोग ने विपक्ष के तमाम नेताओं के ट्वीट और बयानों का लगातार खंडन किया है.

चुनाव आयोग को आधार कार्ड और मतदान पहचान पत्र लेने का मौखिक आदेश
सुप्रीम कोर्ट ने राशन कार्ड पर चुनाव आयोग की आपत्ति के बाद उसे मौखिक आदेश दिया है कि वो इस प्रक्रिया में आधार कार्ड और मतदाता पहचान पत्र को शामिल करें. कोर्ट ने कहा कि ये दोनों कानूनी दस्तावेज हैं. जहां गड़बड़ी मिले, उसे केस — टू — केस बेसिस पर देखिए. धरती पर कोई भी दस्तावेज फर्जी बनाया जा सकता है.

ड्राफ्ट वोटर लिस्ट के प्रशासन पर रोक नहीं, बहस की तारीख मंगलवार को तय करेगा सुप्रीम कोर्ट

सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव आयोग द्वारा 1 अगस्त को जारी होने वाली ड्राफ्ट वोटर लिस्ट के प्रकाशन पर कोई रोक नहीं लगाई है. कोर्ट ने याचिकाकर्ताओं से कहा कि इसके बाद आपत्ति और दावा का समय है. कोर्ट जल्दी इसे सुनेगा. अगर कोर्ट याचिकाकर्ताओं की दलील से सहमत होगा तो पूरी प्रक्रिया रद्द कर देगा. सुप्रीम कोर्ट में वोटर लिस्ट रिवीजन पर सुनवाई की तारीख मंगलवार की सुबह तय होगी, मेन फोकस में है आधार कार्ड.


सुप्रीम कोर्ट में वोटर लिस्ट रिवीजन मामले की सुनवाई की तारीख मंगलवार की सुबह तय होगी. सोमवार की दोपहर सुनवाई के दौरान बेंच ने याचिकाकर्ताओं से पूछा कि बहस के लिए कौन कितना समय लेगा. आधार कार्ड चुनाव आयोग अरे रिवीजन पर सवाल उठा रहे लोगों के बीच तर्क — वितर्क का मेन फोकस बन गया है.

एडीआर ने कहा — चुनाव आयोग को आधार मंजूर नहीं, लेकिन आधार कार्ड पर बनने वाले आवासीय, जाति प्रमाण पत्र और पासपोर्ट मंजूर


एडीआर ने चुनाव आयोग द्वारा आधार कार्ड को 11 दस्तावेजों की सूची में नहीं रखने पर कहा है कि आवासीय प्रमाण पत्र, जाति प्रमाण पत्र और पासपोर्ट बनाने के लिए जरूरी पेपर में आधार कार्ड भी एक है. इन प्रमाण पत्रों को आयोग स्वीकार कर रहा है लेकिन जिस आधार कार्ड के आधार पर इसे जारी किया जाता है, उसे खारिज कर रहा है .