कर्नाटक और तेलंगाना में जीत के बाद कांग्रेस का फोकस आंध्र प्रदेश पर, ऐसी है तैयारी!

कांग्रेस पार्टी को लगता है कि इस साल पहले कर्नाटक और फिर तेलंगाना जैसे दक्षिणी राज्यों में जीत का असर आंध्र प्रदेश पर भी पड़ेगा. सूत्रों की माने तो कांग्रेस को लगता है कि आंध्र प्रदेश में लेफ्ट दालों के साथ गठबंधन किया जा सकता है, जो केंद्रीय स्तर पर पहले ही इंडिया गठबंधन का हिस्सा है . हैदराबाद से तेलंगाना ब्यूरो चीफ देहाती विश्वनाथ की एक्सक्लूसिव रिपोर्ट.

नई दिल्ली/हैदराबाद,28 दिसंबर,2023.आगामी लोकसभा चुनाव के मद्देनजर कांग्रेस में इन दिनों अलग-अलग प्रदेश के नेताओं से केंद्रीय नेतृत्व का लगातार संवाद और चर्चा जारी है . इसी क्रम में बुधवार को कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व ने आंध्र प्रदेश के नेताओं से मुलाकात की और इस दक्षिणी राज्य को लेकर मीटिंग में कांग्रेस का जोर जहां एक और प्रदेश में खोया हुआ जानधार लौटाने पर रहा, वहीं दूसरी ओर इस पर भी मंथन हुआ कि समान विचारधारा वाले दालों के साथ तालमेल की गुंजाइश कितनी और कैसी है . गौरतलब है कि, आंध्र प्रदेश में लोकसभा के साथ ही राज्य विधानसभा के चुनाव होने हैं. 3 घंटे तक चली मीटिंग में दोनों ही चुनावों को लेकर आगामी रणनीति पर चर्चा हुई. जिसमें कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे एवं पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी, संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल समेत प्रदेश प्रभारी मणिकम टैगौर, व प्रदेश अध्यक्ष रुद्र राजू तथा तमाम नेता गण मौजूद रहे . बैठक के बाद जहां खड़गे ने इसे एक महत्वपूर्ण रणनीति बैठक बताया और सोशल मीडिया पर लिखा कि बैठक में मौजूद नेताओं ने आम चुनाव के लिए पार्टी को मजबूत करने पर अपने-अपने विचार रखे. खड़गे ने कहा कि हर कोई मानता है कि कर्नाटक और तेलंगाना में सरकार बनने के बाद जमीनी हालत में काफी बदलाव आया है. हर नेता और कार्यकर्ता कड़ी मेहनत करेगा और हम उसे रिश्ते को फिर से स्थापित करेंगे, जो आंध्र प्रदेश के लोगों ने एक बार कांग्रेस पार्टी के साथ साझा किया था . दूसरी और इस बैठक के बाद प्रदेश के प्रभारी मणिकम टैगौर का कहना था कि हम कांग्रेस की विचारधारा में विश्वास करने वाले सभी लोगों को आंध्र प्रदेश के पुनर्निर्माण के लिए कांग्रेस पार्टी में शामिल होने को आह्वान करते हैं . उन्होंने आरोप लगाया कि मोदी सरकार के भेदभाव के चलते एक सपना अधूरा रह गया. पिछले 10 सालों में केंद्र की अधूरे वादों ने आंध्र प्रदेश के विकास को नष्ट कर दिया है. टैगोर ने पुरजोर तरीके से कहा कि कांग्रेस 2024 की लड़ाई लड़ने के लिए तैयार है. उन्होंने कहा कि सीट बंटवारे पर कोई चर्चा नहीं हुई, लेकिन इस बारे में जो भी फैसला होगा, वह आलाकमान लेगा. उल्लेखनीय है कि 2014 के आंध्र बंटवारे के बाद कांग्रेस को वहां के लोगों की नाराजगी को झेलना पड़ा. कभी कांग्रेस का मजबूत गढ़ रहे आंध्र प्रदेश में पार्टी का जनाधार बेहद कमजोर हुआ है. लेकिन इस बार कांग्रेस की कोशिश आंध्र प्रदेश में अपने जनाधार को बढ़ाने की है. सूत्र बताते हैं कि कांग्रेस ने इसके लिए 15% का लक्ष्य रखा है. कांग्रेस पार्टी को लगता है कि एक दशक में जहां आंध्र प्रदेश के लोगों की नाराजगी कुछ कम हुई है, वहीं दूसरी ओर वहां के लोगों ने वाईएसआर कांग्रेस 5 साल के शासन को देखा है. कांग्रेस का मानना है कि बंटवारे के मौके पर कांग्रेस ने बतौर केंद्र सरकार द्वारा जो विकास के वादे किए गए थे, उसे पूरा करने में नाकाम रही है. जबकि वाईएसआर कांग्रेस ने भी पिछले 5 सालों में बीजेपी का हाथ पड़कर अपने अधिकारों की लड़ाई को अधूरा छोड़ दिया है.