हेमंत सोरेन के रिमांड को लेकर 2 फरवरी को होगी सुनवाई, 1 दिन की न्यायिक हिरासत में भेजा गया जेल.

ईडी ने हेमंत सोरेन को पीएमएलए कोर्ट में पेश किया और कोर्ट से हेमंत सोरेन को रिमांड पर देने की मांग की . लेकिन कोर्ट ने और हेमंत सोरेन को 1 दिन के लिए न्यायिक अभिरक्षा में रांची स्थित कोटवार जेल भेज दिया. रिमांड पर अब सुनवाई शुक्रवार( 2 फरवरी) को होगी.

अभी-अभी खबर आई है कि हेमंत सोरेन के चार विधायक कहीं लापता हो गए हैं, उनकी खोजबीन की जा रही है.

हैदराबाद से तेलंगाना ब्यूरो प्रमुख देहाती विश्वनाथ की यह खास रिपोर्ट

रांची/हैदराबाद,1 फरवरी,2024.
हेमंत सोरेन को गुरुवार ( 1 फरवरी) को पीएमएलए कोर्ट में पेश किया गया, वहीं, ईडी ने कोर्ट से हेमंत सोरेन की रिमांड मांगी. इसको लेकर अदालत में सुनवाई हुई और बाद में कोर्ट ने पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को 1 दिन की न्यायिक अभिरक्षा में जेल भेज दिया . हेमंत सोरेन के डिमांड की मांग पर सुनवाई कोर्ट में अब शुक्रवार को होगी. बता दें कि 31 जनवरी को दिनभर हेमंत सोरेन से पूछताछ की गई और देर शाम प्रवर्तन निदेशालय ने उन्हें हिरासत में ले लिया. ऐसा माना जा रहा था कि प्रवर्तन निदेशालय हेमंत सोरेन को बुधवार रात को ही कोर्ट में पेश करेगी लेकिन ऐसा नहीं हो सका. हेमंत सोरेन को आज गुरुवार को दोपहर कोर्ट में पेश किया गया. उसके बाद ईडी एड के द्वारा कोर्ट से रिमांड मांगी गई लेकिन हेमंत सोरेन की तरफ से इस बात का विरोध किया गया और कहा गया कि उन्हें गलत तरीके से गिरफ्तार किया गया है. हालांकि, इस पक्ष को प्रवर्तन निदेशालय की कोर्ट ने नहीं माना एवं हेमंत सोरेन को रिमांड में भेज दिया . ईडी अभी तक हेमंत सोरेन को हिरासत में रखने की बात कर रहे थे लेकिन अब हेमंत सोरेन की विधिवत गिरफ्तारी हो गई है. इससे पहले बुधवार हेमंत सोरेन राजभवन जाकर अपने पद से त्यागपत्र दे दिया था. इसके तुरंत बाद चंपई सोरेन ने अपने विधायकों के समर्थन पत्र राज्यपाल को सौंपा. हालांकि, राज्यपाल ने उन्हें शपथ के लिए कोई समय नहीं दिया. खबर है कि आज फिर से एक बार चंपई सोरेन ने राज्यपाल को पत्र लिखकर सीएम पद की शपथ दिलाने का अनुरोध किया है. जानकारी के मुताबिक राज्यपाल ने उन्हें 5:30 बजे बुलाया है.

झारखंड में सियासी हलचल :


हैदराबाद भेजे जा रहे हैं सत्ताधारी दल के विधायक !


झारखंड में सियासी गहमागहमी बनी हुई है. खबर आई है कि सत्ताधारी दल के विधायकों को हैदराबाद शिफ्ट करने की तैयारी की जा रही है. सूत्रों के मुताबिक कुल 35 विधायकों को विशेष चार्टर विमान से हैदराबाद भेजा जा रहा है. जबकि करीबी विधायक रांची में ही रह सकते हैं . रांची एयरपोर्ट से हमारे विश्वसनीय सूत्रों ने जानकारी दी है कि विशेष चार्टर्ड विमान आने की सभी कागजी प्रक्रिया पूरी हो चुकी है. हालांकि, मौसम खराब होने की वजह से विमान आने में देरी भी हो सकती है. बता दें कि ईडी की कार्रवाई के बाद से पूरे झारखंड में उथल-पुथल मचा हुआ है. जबकि गिरफ्तार पूर्व सीएम हेमंत सोरेन को फिलहाल रांची स्थित ईडी कार्यालय में रखा. वही राज्यपाल ने उनके इस्तीफे को स्वीकार कर लिया. इस बीच चंपई सोरेन ने सरकार बनाने का दावा पेश कर दिया है. संकेत है कि जल्द ही वे शपथ ले सकते हैं. हालांकि अभी तक राज भवन से शपथ ग्रहण को लेकर कोई बात स्पष्ट नहीं है. उल्लेखनीय है कि झारखंड में सरकार बनाने के लिए कम से कम 41 विधायक चाहिए. महागठबंधन के पास 47 विधायक पर्याप्त है, जबकि एक विधायक का उन्हें बाहर से भी समर्थन है. दूसरी तरफ विपक्ष की एनडीए के पास कुल 30 विधायक ही हैं. इसको देखते हुए महागठबंधन के पास सरकार बनाने के पर्याप्त आंकड़े हैं, लेकिन वह इसी तरह का रिस्क लेना नहीं चाहेंगे . इसलिए विधायकों को हैदराबाद शिफ्ट करने की खबर आई है.
” सरकार ही गिरफ्तार! झारखंड के 6 में से तीन मुख्यमंत्री को जाना पड़ा जेल, एक ही 5 साल कुर्सी पर रहा. 4 साल सरकार चलाने के बाद कथित जमीन घोटाले में घिरे हेमंत सोरेन को मुख्यमंत्री की कुर्सी से हटना पड़ा. बुधवार को 6 घंटे से अधिक पूछताछ के बाद प्रवर्तन निदेशालय ने हेमंत सोरेन को गिरफ्तार कर लिया. 15 नवंबर 2000 को अस्तित्व में आए झारखंड में अब तक 6 नेता मुख्यमंत्री बने और इनमें से तीन की गिरफ्तारी भी हुई . ढाई दशक के इतिहास में झारखंड में अब तक तीन बार राष्ट्रपति शासन भी लग चुका है, जबकि एक ही मुख्यमंत्री रघुवर दास 5 साल का कार्यकाल पूरा कर पाए. हेमंत सोरेन से पहले उनके पिता शिबू सोरेन और मधु कोड़ा गिरफ्तार हो चुके हैं . बाबूलाल मरांडी, अर्जुन मुंडा अब रघुवर दास को ऐसी स्थिति का सामना नहीं करना पड़ा. तीनों बीजेपी के ही मुख्यमंत्री रहे हैं . हालांकि शिबू सोरेन को दिल्ली की एक अदालत ने 5 दिसंबर 2006 को आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी. 1994 में उनके निजी सचिव शशि नाथ झा की हत्या के मामले में उन्हें दोषी बताया गया था. शिबू सोरेन उसे वक्त मनमोहन सिंह सरकार में कोयला मंत्री थे . हालांकि 2007 में दिल्ली हाई कोर्ट ने शिबू सोरेन को बरी कर दिया और सबूत के अभाव को लेकर सीबीआई को फटकार लगाई थी. अप्रैल 2018 में सुप्रीम कोर्ट ने भी दिल्ली हाई कोर्ट के फैसले को बरकरार रखा और इस तरह शिबू सोरेन बेदाग हो गए.