क्या नीतीश का गेम बिगाड़ेंगे मांझी ? फ्लोर टेस्ट से पहले बिहार एनडीए में खटपट.

नीतीश सरकार का गेम कितना बिगाड़ सकते हैं?

बिहार की कांग्रेस विधायकों को हैदराबाद भेजने के बाद सियासी सरगर्मी बढ़ी हुई है. नीतीश कुमार के नेतृत्व में 12 फरवरी को एनडीए सरकार को विधानसभा में बहुमत साबित करना है . लेकिन टूट का डर कांग्रेस को सता रहा है. कांग्रेस से तमाम विधायकों को हैदराबाद भेजा गया है एवं वहीं, जीतन राम मांझी की प्रेशर पॉलिटिक्स ने एनडीए की टेंशन बढ़ा दी है.

हैदराबाद से तेलंगाना ब्यूरो प्रमुख देहाती विश्वनाथ की यह खास रिपोर्ट.

नई दिल्ली / पटना/हैदराबाद,5 फरवरी,2024. बिहार में फ्लोर टेस्ट से पहले ही सियासत में संकट के बादल मंडराने लगे हैं. एक तरफ कांग्रेस में टूट का डर है तो दूसरी तरफ बिहार के सत्ताधारी गठबंधन इंडिया में भी बहुत कुछ ठीक नहीं चल रहा है. नीतिश सरकार को समर्थन दे रहे’ हम’ सुप्रीमो जीतन राम मांझी लगातार अपनी मांग पर अड़े हुए हैं. मांझी का कहना है कि उनकी पार्टी को सरकार में दो मंत्री पद दिए जाने का वादा किया गया था, लेकिन उसे पूरा नहीं किया गया. अभी सिर्फ माझी के बेटे संतोष सुमन को मंत्री बनाया गया है. इस बीच माझी की मांगों का लोक जनशक्ति पार्टी ( रामविलास ) के अध्यक्ष चिराग पासवान ने भी समर्थन देकर मुद्दे को हवा दे दी है . मांझी की पार्टी के चार विधायक हैं . एक हफ्ते पहले ही जीतन राम मांझी को राजद की तरफ से ऑफर दिए जाने की खबरें आई थी. हालांकि हिंदुस्तान आवाम मोर्चा ( हम ) ने दावों को नकार दिया था और एनडीए के साथ रहने का दम भरा था . चर्चा है कि माझी की प्रेशर पॉलिटिक्स के आगे नीतीश सरकार को झुकना पड़ सकता है . राज्य में विधानसभा का नंबर गेम बड़ी वजह बन रहा है. दरअसल, 12 फरवरी को बिहार विधानसभा में फ्लोर टेस्ट होना है . विधानसभा में कुल 243 सीटें हैं. सरकार बनाने के लिए दो तिहाई बहुमत की जरूरत होती है. इसके लिए 122 विधायकों का समर्थन जरूरी है. सत्ता पक्ष के पास 128 विधायकों का समर्थन है, यानी बहुमत से पांच अधिक विधायक समर्थन में है . जबकि भाजपा के 78, हम के 4, जदयू के 45 और एक निर्दलीय विधायक का समर्थन हासिल है. वहीं, विपक्ष की बात करें तो, कल 114 विधायकों का समर्थन है. यानी बहुमत से सिर्फ आठ विधायकों की दूरी . आरजेडी के 79, कांग्रेस के 19, और लेफ्ट के 16 विधायक हैं . हालांकि असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी एआइएमआइएम का भी एक विधायक हैं, जो ना तो एनडीए में शामिल है और ना ही महागठबंधन में. ऐसे में सबकी निगाहें 12 फरवरी पर है, जब फ्लोर टेस्ट होगी, तब पता चल जाएगा.