पश्चिम बंगाल के उत्तर 24 परगना स्थित संदेशखालि गांव पिछले 1 महीने से राजनीतिक हंगामा का केंद्र बना हुआ है और तृणमूल कांग्रेस के स्थानीय नेता द्वारा कथित तौर पर महिलाओं के यौन उत्पीड़न को लेकर अभूतपूर्व विरोध प्रदर्शन का गवाह बना है.
हैदराबाद से तेलंगाना ब्यूरो प्रमुख देहाती विश्वनाथ की यह खास रिपोर्ट.
कोलकाता / हैदराबाद, 16 फरवरी,2024. इस घटना की शुरुआत 5 जनवरी की एक सर्द सुबह तब हुई जब करोड़ों रुपए के राशन वितरण घोटाले से जुड़े धनशोधन के मामले में प्रवर्तन निदेशालय ने तृणमूल कांग्रेस के ताकतवर नेता शाहजहां शेख के संदेशखालि स्थित आवास पर छापेमारी की कार्रवाई की . इस दौरान शाहजहां के समर्थकों ने न केवल ईडी अधिकारियों को उसके घर में प्रवेश करने से रोका, बल्कि केंद्रीय जांच एजेंसी की टीम के सदस्यों के शहर से लगभग 74 किमी दूर गांव से भागने तक मारपीट की. जिले के बशीरघाट उपमंडल के अंतर्गत आने वाले संदेशखालि से जिला परिषद सदस्य शाहजहां तब से फरार है लेकिन उसके करीबियों का दावा है कि इलाके पर अब भी उसका काफी हद तक नियंत्रण है. ईडी की घटना के बाद बड़ी संख्या में महिलाएं सड़क पर उतरी और आरोप लगाया कि शाहजहां और उसके आदमियों ने झींगे की खेती के लिए जबरन उनकी जमीन पर कब्जा कर लिया और कई सालों से वे उनको प्रताड़ित कर रहे हैं एवं यौन उत्पीड़न भी कर रहे हैं. कई महिलाओं में से एक ने शाहजहां के आदमियों से पहचान छिपाने के लिए चेहरा छिपाते हुए आरोप लगाया कि ( तृणमूल ) पार्टी कार्यकर्ता घर-घर जाकर सर्वेक्षण करते हैं और कोई खूबसूरत महिला या युवती अथवा लड़की होती तो उन्हें उठाकर पार्टी कार्यालय लाते हैं. वे महिला को उस रात तक रखते जब तक संतुष्ट नहीं हो जाते हैं . महिलाओं ने बताया कि शाहजहां के फरार होने से उन्हें पिछले कई सालों से जारी उत्पीड़न के खिलाफ आवाज उठाने की हिम्मत मिली है. उन्होंने बताया कि इस पूरे अपराध में केवल शाहजहां ही नहीं बल्कि उसका कथित साथी और तृणमूल के अन्य नेता उत्तम सरदार और शिव प्रसाद हजरा भी संलिप्त हैं. महिला ने आरोप लगाया, ” भले पति हो लेकिन उन पर उसका अधिकार नहीं होता. उसे अपनी पत्नी को छोड़ना होता है. हम यहां रहने में असमर्थ हैं .अत्याचार या यौन उत्पीड़न का डर हमेशा बना रहता है. हम सुरक्षा चाहते हैं. हमारे ज्यादातर आदमी गांव छोड़कर दूसरे राज्यों में काम कर रहे हैं. महिलाएं लाठी और झाड़ू के साथ तथा तत्काल शाहजहां और शिव प्रसाद हजारा की गिरफ्तारी की मांग को लेकर स्थानीय पुलिस थाने का घेराव किया है. हालांकि आरोपी को लेकर राजनीति आरोप प्रत्यारोप का दौर शुरू है. तनाव पिछले शुक्रवार को तब बढ़ गया जब महिलाओं ने हजरा के तीन पोल्ट्री फार्म में आग लगा दी. महिलाओं का आरोप था कि इन्हें ग्रामीणों की जमीन पर जबरन कब्जा कर बनाया गया था. इस बीच भाजपा, माकपा और कांग्रेस ने तृणमूल कांग्रेस पर शाहजहां और उसके साथियों का बचाव करने का आरोप लगाया जबकि तृणमूल नेताओं ने दावा किया कि विपक्षी पार्टियों ने आगामी लोकसभा चुनाव के मद्देनजर गलत तरीके से शाहजहां को फंसाया है.
महिलाओं के प्रदर्शन के मद्देनजर राज्यपाल सी.वी. आनंद बोस को इस सप्ताह के शुरुआत में अपना केरल दौरा बीच में ही छोड़कर बंगाल लौटना पड़ा ताकि संदेशखालि की स्थिति की समीक्षा की जा सके. संदेशखालि की महिलाओं से बात करने के बाद राज्यपाल बोस ने इसे ” भयावह “, स्तब्ध करने वाला और छिन्न-भिन्न करने वाला बताया. आनंद बोस ने कहा कि मैंने कुछ ऐसा देखा जो मुझे कभी नहीं देखना चाहिए था, मैंने ऐसी बहुत सी बातें सुनी जो मुझे कभी नहीं सुनना चाहिए था… यह सभ्य समाज के लिए शर्मनाक है . राज्यपाल ने गृह मंत्रालय को सौंपी अपनी रिपोर्ट में आरोप लगाया कि ” संदेशखालि ” में कानून व्यवस्था संभालने के जिम्मेदार लोग की ‘ उपद्रवी तत्वों ‘ से साठगांठ है. उन्होंने कहा कि स्थानीय लोग आरोपों की जांच के लिए विशेष कार्यबल अथवा विशेष जांच टीम चाहते हैं. दूसरी ओर इन घटनाक्रम पर प्रतिक्रिया देते हुए पश्चिम बंगाल के मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा,इसके लिए जो लोग जिम्मेदार थे उन्हें सलाखों के पीछे डाल दिया गया है एवं आवश्यक कदम उठाए जा रहे हैं.