कमलनाथ ने अपने राजनीतिक सफर की शुरुआत कांग्रेस में इंदिरा गांधी के समय की थी. वह 1968 में युवा कांग्रेस में शामिल हुए. इंदिरा गांधी ने 1980 में कमलनाथ को छिंदवाड़ा लोकसभा सीट से टिकट दिया था जहां से वह अब तक नौ बार सांसद बने . वह 2018 में मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री बने थे. उन्होंने 2023 में एमपी विधानसभा चुनाव में हार के बाद प्रदेश प्रमुख का पद छोड़ दिया.
हैदराबाद से तेलंगाना ब्यूरो प्रमुख देहाती विश्वनाथ की यह खास रिपोर्ट.
नई दिल्ली/हैदराबाद,17 फरवरी, 2024. मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री तथा कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कमलनाथ को लेकर सियासी चर्चा तेज है . राजनीतिक गलियारों में चर्चा है कि वह भाजपा में शामिल हो सकते हैं. हालांकि, अभी तक इसकी अधिकारिक तौर पर पुष्टि नहीं हुई है . बता दें कि कांग्रेस के कद्दावर और दिग्गज नेताओं में कमलनाथ का नाम आता है .
संजय गांधी की वजह से कांग्रेस में आए कमलनाथ
कमलनाथ ने अपने राजनीतिक सफर की शुरुआत कांग्रेस में इंदिरा गांधी के समय की थी. उनका बचपन से ही कांग्रेस से जुड़ाव रहा है . वह बचपन में संजय गांधी के साथ पढ़ते थे और संजय गांधी की वजह से ही कांग्रेस में आए. हालांकि, कमलनाथ ने 1968 में युवा कांग्रेस से राजनीतिक सफर की शुरुआत की थी.
दोस्त की खातिर तिहार गए
कहा जाता है कि कमलनाथ अपने दोस्त संजय गांधी की वजह से तिहाड़ जेल तक जा चुके हैं. इस संदर्भ में पत्रकार विनोद मेहता की किताब ” संजय गांधी- अनटोल्ड स्टोरी” में जिक्र है, जब देश में आपातकाल के बाद जनता पार्टी की सरकार थी. तब एक मामले में संजय गांधी को तिहाड़ जेल भेज दिया गया था, जिसके बाद कमलनाथ ने अपने दोस्त की वजह से एक जज से पंगा ले लिया और उसे मामले में उन्हें तिहाड़ जेल भेज दिया गया, जहां संजय गांधी कैद थे .
इंदिरा गांधी ने कमलनाथ को तीसरा बेटा बताया था
पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी कमलनाथ को अपना तीसरा बेटा मानती थी . उन्हें अपनी बेटी की तरह चाहती थी. इस बात का जिक्र खुद इंदिरा गांधी एक जनसभा में भी कर चुकी थी. उन्होंने जनसभा में कहा था कि मेरे तीसरे बेटे कमलनाथ को आप लोग वोट दें . इंदिरा गांधी ने 1980 में कमलनाथ को छिंदवाड़ा लोकसभा सीट से टिकट दिया था .
छिंदवाड़ा से नौ बार सांसद बने
कमलनाथ ने मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा लोकसभा क्षेत्र से नौ बार सांसदी का चुनाव जीता था. उन्होंने पहली बार 1980, 1990, 1991, 1998, 2004, 2009 और 2014 के चुनावों में छिंदवाड़ा लोकसभा सीट से जीत दर्ज की. वह 2019 में पहली बार छिंदवाड़ा विधानसभा से विधायक बने थे.+ 15 साल बाद कांग्रेस की वापसी+ कमलनाथ ने 2018 में मध्य प्रदेश में हुए विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की वापसी कराई थी. कमलनाथ के नेतृत्व में कांग्रेस ने 2018 में सरकार बनाई थी. उसे वक्त कमलनाथ ही मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री चुने गए थे. हालांकि, 15 महीने बाद ही उनकी सरकार गिर गई थी, क्योंकि ज्योतिरादित्य सिंघिया ने बगावत कर दी थी . गौरतलब है कि कमलनाथ ने केंद्र में कांग्रेस की सरकार के दौरान कई अहम पदों पर रहकर अपनी सेवाएं दी हैं .