कुछ दिन पहले ही समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव के पद से इस्तीफा देने वाले स्वामी प्रसाद मौर्य अब अपनी नई पार्टी बनाएंगे . 22 फरवरी को दिल्ली के तालकटोरा स्टेडियम में वह अपनी नई पार्टी के नाम का ऐलान कर सकते हैं और कई अन्य नेता भी उनकी पार्टी में शामिल हो सकते हैं
हैदराबाद से तेलंगाना ब्यूरो प्रमुख देहाती विश्वनाथ की यह खास रिपोर्ट.
लखनऊ/हैदराबाद,19 फरवरी,2024. कुछ दिन पहले ही समाजवादी पार्टी के महासचिव के पद से इस्तीफा देने वाले दिग्गज नेता स्वामी प्रसाद मौर्य अब अपनी नई पार्टी बनाने जा रहे हैं. स्वामी प्रसाद मौर्य अपने समर्थकों के साथ 22 फरवरी( गुरुवार ) को नए राजनीतिक संगठन या पार्टी का ऐलान कर सकते हैं .

कई चेहरे हो सकते हैं शामिल
चर्चा है कि पुराने चेहरों और खासकर दलित- ओबीसी की राजनीति करने वाले नेताओं के साथ मिलकर स्वामी प्रसाद मौर्य एक नए राजनीतिक संगठन के साथ सामने आ सकते हैं. इसमें समाजवादी पार्टी के उनके समर्थक, पूर्व विधायक एवं पूर्व सांसद व बिहार के कई नेता भी शामिल होंगे. अभी यह तय नहीं है कि पल्लवी पटेल या सलीम शेरवानी उसमें शामिल होंगे या नहीं, लेकिन स्वामी प्रसाद मौर्य ओबीसी — दलित के नेताओं और चेहरों को लेकर अलग संगठन बना सकते हैं. माना जा रहा है कि दिल्ली के तालकटोरा स्टेडियम में शोषित व वंचित संघर्ष समिति के बैनर तले यह कार्यक्रम आयोजित होगा. नई पार्टी बनाए जाने की अटकलों पर स्वामी प्रसाद मौर्य ने कहा, सभी जानते हैं कि वह ( अखिलेश) सरकार में नहीं है, न केंद्र में उनकी सरकार है और न ही राज्य में. आपने मुझे जो भी सम्मान दिया है, मैं उसे लौटा दूंगा. क्योंकि मेरे लिए पद मायने नहीं रखता, मेरे लिए विचार मायने रखते हैं. हमने सब कुछ अपने कार्यकर्ताओं पर छोड़ दिया है, उनका जो भी निर्णय होगा वह मेरा निर्णय होगा. उन्होंने कहा, 22 फरवरी को दिल्ली में कार्यकर्ताओं का जमावड़ा होगा और इस मुद्दे पर कार्यकर्ता जो भी निर्णय लेंगे, उसके अनुसार निर्णय की घोषणा की जाएगी . हमें जाति जनगणना की मांग को लेकर सड़कों पर आना चाहिए था, हम कमरे में बैठे हैं. एक ऐसे राष्ट्रीय महासचिव भी हैं जिनका हर बयान निजी हो जाता है. मैं भेदभाव के खिलाफ रहता हूं. जब बोल नहीं सकता तो फिर ऐसे पद पर रहने की क्या जरूरत है . बता दें कि कुछ दिन पहले ही स्वामी प्रसाद मौर्य ने समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव पद से इस्तीफा दे दिया था. अपने बयानों को लेकर लंबे समय से विवादों में चल रहे नेता ने सिर्फ पद से इस्तीफा दिया था, पार्टी से नहीं. सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव को इस संबंध में एक लंबा चौड़ा खत लिखते हुए इस्तीफे के कारणों से अवगत कराए थे. समाजवादी पार्टी के विधान परिषद सदस्य स्वामी प्रसाद मौर्य ने पार्टी अध्यक्ष को लिखे पत्र में कहा था कि उन्होंने पार्टी का जनाधार बढ़ाने का काम अपने तौर तरीके से जारी रखा लेकिन पार्टी के ही कुछ नेताओं ने उसे उनका बयान कहकर प्रयास की धार को कुंद करने की कोशिश की . अखिलेश यादव पर हमला बोलते हुए उन्होंने कहा कि उनकी बात उन्हें मुबारक हो. मैं हमेशा पिछड़ों, दलितों आदिवासियों की लड़ाई को लड़ता रहूंगा.