हैदराबाद से तेलंगाना ब्यूरो चीफ देहाती विश्वनाथ की रिपोर्ट
हैदराबाद, 19 फरवरी, 2024. भारत के वीर सपूत तथा मराठा सम्राट छत्रपति शिवाजी महाराज की 394वीं जयंती यहां के राजेंद्र नगर इलाके में स्थित अतापुर में बड़े ही हर्षोल्लास के साथ मनाया गया. 19 फरवरी( सोमवार) को मनाई गई जयंती पर यहां के रामबाग स्थित राम मंदिर मैदान से एक भव्य शोभा यात्रा निकाली गई, जो नगर के मुख्य मार्ग से गुजरते हुए किशनबाग होते हुए पुराना पुल तक जाकर एक अन्य भव्य यात्रा में शामिल हो गया. इस अवसर पर अतापुर इलाके में मार्ग के दोनों तरफ जगह-जगह छत्रपति शिवाजी महाराज की शोभा यात्रा के स्वागत के लिए मौजूद लोगों ने पुष्प से शोभा यात्रियों का अभिनंदन किया. इस दौरान लोगों ने शिवाजी महाराज की पूजा अर्चना की एवं उनके बलिदानों को याद किया. अभिनंदन और बंधन करने वालों में श्याम मित्र मंडल अतापुर, मराठा युवा मित्र मंडल सहित अनेक सामाजिक संगठनों ने निकाली गई शोभा यात्रा पर पुष्प वर्षा कर शिवाजी महाराज के चित्र को नमन किया. इस अवसर पर मराठा समाज युवक युवतियों द्वारा खूबसूरत नृत्य और जय शिवाजी, जय भवानी की जयकारा लगाते रहे. जिससे शोभा यात्रा में चार चांद लग गया. हालांकि, छत्रपति शिवाजी महाराज युवा समिति अतापुर, भाग्य नगर आकर्षण का केंद्र बना रहा लेकिन इस भव्य शोभा यात्रा के अवसर पर बीआरएस नेता श्रीराम रेड्डी, कार्तिक रेड्डी, बीजेपी के चेवेल्ला संयोजक मल्ला रेड्डी, कोमरा, प्रवीण नामेंदर, राजेंद्र नगर कांग्रेस के सचिव गोवर्धन रेड्डी, राजू पहलवान, महेश बुद्धिराज और शोभा यात्रा के मुख्य अतिथि तथा प्रेस मीडिया के संयोजक बालू सुब्रमण्यम, पत्रकार पवन भारती, राजस्थानी नवजागृति मंच के अध्यक्ष सुरेश कुमार मोदी, बाबूलाल सोनी, राजेंद्र नगर के एडीसीपी, एसीपी नारायणा, अतापुर के सीआई पुलसी यादगिरी, समाजसेवी जग्गू भाई जाधब, कवि पुरुषोत्तम कडेल, समाजसेवी राजेश करवा प्रमुख मौजूद थे. इस अवसर पर नगर में कई सामाजिक संगठनों ने लोगों में मिठाई वितरण किया. बाद में मीडिया से चर्चा करते हुए वरिष्ठ पत्रकार तथा तेलंगाना ब्यूरो प्रमुख देहाती विश्वनाथ ने कहा कि 19 फरवरी आज छत्रपति शिवाजी महाराज की जयंती है एवं लोगों के बीच आज भी शिवाजी के विचार सफल होने और लक्ष्य प्राप्ति की प्रेरणा देते हैं. 19 फरवरी 1630 में मराठा परिवार में जन्मे छत्रपति शिवाजी ऐसे मराठा सम्राट थे , जिन्होंने मुगलों के खिलाफ कई युद्ध लड़े और उन्हें परास्त किया . 15 साल की उम्र में शिवाजी ने पहली बार मुगलों पर आक्रमण किया और 16 साल की उम्र में तोरणा किले पर कब्जा किया. शिवाजी ने 17 साल की उम्र में रायगढ़ और कोंडला किलो को जीता. शिवाजी की जयंती के इस खास अवसर पर उन्हें याद रखने की आवश्यकता है .