नीतीश का बीजेपी की अगुवाई वाले एनडीए में जाना इंडिया गठबंधन के लिए कितना बड़ा झटका!

नीतीश कुमार ने रविवार( 28 जनवरी) को बिहार के महागठबंधन से अलग होकर बीजेपी की अगवाई वाले एनडीए का हाथ थाम लिया.

हैदराबाद से तेलंगाना ब्यूरो प्रमुख देहाती विश्वनाथ की खास रिपोर्ट.

नई दिल्ली/ पटना/हैदराबाद,28 जनवरी,2024. नीतीश कुमार विपक्षी दलों इंडिया एलायंस के सूत्रधार रहे हैं. ऐसे में इस गठबंधन को लेकर सवाल भी खड़े होने लगे हैं . बिहार में सत्ता परिवर्तन के तुरंत बाद भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा ने कहा कि ‘ इंडिया अलायंस सैद्धांतिक रूप से असफल हो चुका है . नड्डा ने पत्रकारों से कहा, ” हम पहले भी कर चुके हैं कि इंडिया अलायंस अवित्र, गैर वैज्ञानिक और यह ज्यादा दिन तक नहीं चलेगा. भारत जोड़ो यात्रा जो बेनतीजा समाप्त हुई और अभी की इनकी भारत जोड़ो न्याय यात्रा इंडिया अलायंस है, यह विफल हो चुका है. जेपी नड्डा ही नहीं, बीजेपी के कई नेताओं ने इंडिया अलायंस को लेकर बयान दिए हैं एवं राजनीतिक विश्लेषक भी नीतीश कुमार के एनडीए में जाने को विपक्षी गठबंधन के लिए झटका मान रहे हैं. उधर, कांग्रेस का शीर्ष नेतृत्व यह दिखाने में लगा है कि नीतीश कुमार का एक बार फिर पाला बदलना विपक्षी गठबंधन के लिए कोई मायने नहीं रखता. नीतीश के पाला बदलने के बाद कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव और बिहार के पूर्व डिप्टी सीएम तेजस्वी प्रसाद यादव ने इसकी पहले ही आशंका जताई थी. मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा, लालू और तेजस्वी यादव ने बहुत पहले से जानकारी दे दी थी . वो अब सच साबित हो गया है. देश में ऐसे बहुत लोग हैं, जो आयाराम और गयाराम में लगे रहते हैं.

इंडिया गठबंधन में असहज थे नीतीश

नीतीश कुमार ने खुद विपक्षी दलों को एकजुट करने में काफी मेहनत की थी. उन्होंने शुरुआत में ऐसे दलों को कांग्रेस के साथ बिठाने में कामयाबी हासिल की जो राहुल गांधी और उनकी पार्टी को लेकर सवाल उठाते रहे हैं . नीतीश कुमार पश्चिम बंगाल में सरकार चल रही ममता बनर्जी, दिल्ली में अरविंद केजरीवाल और यूपी में सपा प्रमुख अखिलेश यादव को साथ लाने में कामयाब रहे . पटना में गठबंधन की पहली बैठक करने को भी उनकी कामयाबी माना गया. लेकिन दूसरी बैठक के बाद से ही नीतीश कुमार के असहज होने की चर्चा शुरू हो गई. तब कांग्रेस फ्रंट फुट पर आती दिखी. मीडिया रिपोर्ट में दावा किया गया कि गठबंधन संयोजक जो बनाए जाने से नीतीश कुमार नाखुश थे. जबकि विपक्षी गठबंधन का नाम इंडिया रखने को लेकर भी मीडिया रिपोर्ट में कहा गया कि नीतीश कुमार ने शिकायत भी की थी कि उनसे सलाह नहीं ली गई. हालांकि तब नीतीश कुमार ने मीडिया रिपोर्ट्स को सिरे से खारिज कर दिया था. रविवार को बीजेपी के अगुवाई वाले गठबंधन एनडीए के साथ जाने का फैसला करने के बाद खुद नीतीश कुमार ने अपनी असहजता को बयां किया कि कुछ ठीक नहीं चल रहा था. गौर तलब है कि विपक्षी गठबंधन के संयोजक तय किए जाने और जेडीयू नेता को अहम जिम्मेदारी दिए जाने पर कई बार पार्टी की ओर से भी बयान दिए गए . जदयू के वरिष्ठ नेता केसी त्यागी ने कहा, यह सिर्फ नीतीश कुमार थे जिनकी वजह से इंडिया गठबंधन बना और कांग्रेस को राजनीति में पुनः स्थापित करने और सम्मान दिलाने का काम हुआ. हमें अफसोस है कि हमने कांग्रेस पार्टी को देश की राजनीति में स्वीकार्यता दिलाई. उन्होंने इस राजनीतिक घटनाक्रम के लिए कांग्रेस को जिम्मेदार ठहराया .

कांग्रेस का क्या कहना है ?

कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि, यह शो पूर्व नियोजित था. उन्होंने( बीजेपी– जेडीयू) ने इंडिया अलायंस को तोड़ने के लिए यह सब किया… नीतीश कुमार हमें अंधेरे में रखा. उन्होंने लालू यादव को अंधेरे में रखा. हालांकि इस राजनीतिक उथल -पुथल से इंडिया गठबंधन पर कोई फर्क नहीं पड़ेगा. उन्होंने कहा, ” 2024 के चुनाव के समय बिहार की जनता नीतीश कुमार और जो उनको दिल्ली में बैठकर नचा रहे हैं, उनको सही जवाब देगी. नीतीश कुमार ने कहा था, भाजपा से हाथ नहीं मिलाएंगे ‘, कांग्रेस ने दिलाई याद .