तेलंगाना में लोकसभा चुनाव को लेकर किशन रेड्डी का दावा, बीजेपी और कांग्रेस में होगी सीधी टक्कर

तेलंगाना बीजेपी अध्यक्ष जी. किशन रेड्डी ने दावा किया है कि देशभर में सभी लोकसभा क्षेत्रों में बीजेपी के पक्ष में माहौल दिख रहा है और लोगों ने आगामी चुनावों में कमल को वोट देने का निर्णय लिया है.

हैदराबाद से तेलंगाना ब्यूरो प्रमुख देहाती विश्वनाथ की यह रिपोर्ट.

हैदराबाद,14 फरवरी,2024. तेलंगाना बीजेपी अध्यक्ष व केंद्रीय मंत्री जी किशन रेड्डी ने हैदराबाद में भविष्यवाणी की कि प्रदेश में आगामी लोकसभा चुनाव में उनकी पार्टी और कांग्रेस के बीच सीधी टक्कर होग. उन्होंने कहा कि 20 फरवरी से शुरू होने वाली प्रदेश स्तरीय बीजेपी विजय संकल्प यात्रा के लिए पोस्टर जारी कर दिया गया है. किशन रेड्डी ने दावा किया कि देश भर के सभी लोकसभा क्षेत्रों में बीजेपी के पक्ष में माहौल है और लोगों ने कमल को वोट देने का निर्णय किया है .

पांच संसद क्षेत्रों में पांच यात्राएं

उन्होंने कहा कि तेलंगाना के युवा चाहते हैं कि नरेंद्र मोदी एक बार फिर प्रधानमंत्री बने. उन्होंने घोषणा की कि तेलंगाना के लोगों का समर्थन और आशीर्वाद पाने के लिए पांच संसद क्षेत्रों में पांच यात्राएं आयोजित की जाएगी. यह यात्राएं 20 फरवरी से,1 मार्च तक होगी. यात्राओं को क्लस्टर अनुसार नाम दिए गए हैं . भुवन गिरी, मल्काजगीरी, सिकंदराबाद और हैदराबाद संसदीय क्षेत्रों के लिए यात्रा का नाम भाग्य नगर रखा गया है. जबकि करीमनगर, मेडक, जहीराबाद और चेवेल्ला चुनाव क्षेत्रों को कवर करने वाली यात्रा को सातवाहन नाम दिया गया है. इसी तरह से आदिलाबाद, पेद्दापल्ली और निजामाबाद चुनाव क्षेत्रों में यात्रा को कुमारभीम नाम रखा गया है.

उम्मीदवारों का चयन बीजेपी की केंद्रीय चुनाव समिति करेगी

किशन रेड्डी ने कहा कि लोकसभा चुनाव के लिए उम्मीदवारों का चयन बीजेपी की केंद्रीय चुनाव समिति करेगी. हालांकि अभी तक पार्टी ने देश में कहीं भी उम्मीदवार की घोषणा नहीं की है . उन्होंने कहा कि बीजेपी की राज्य चुनाव समिति और चुनाव प्रबंधन समिति चुनाव तैयारियों की समीक्षा के लिए सोमवार को बैठक की है. दूसरी तरफ कालेश्वरम परियोजना के बारे में सवाल का जवाब देते हुए किशन रेड्डी ने कहा कि भाजपा नेताओं ने अतीत में मेदिगड्डा बैराज का दौरा किया था, अब उन्हें फिर से वहां जाने की जरूरत नहीं है. किशन रेड्डी ने कहा कि कृष्णा नदी जल बंटवारे का विवाद आंध्र प्रदेश और तेलंगाना के बीच बातचीत से सुलझा जा सकता है.