वक्फ बिल से डरी मुस्लिम महिलाएं, संविधान के खिलाफ है

समाजवादी पार्टी सांसद इकरा हसन ने लोकसभा में वक्फ बिल पर करारा हमला बोला. सपा सांसद ने कहा कि यह बिल महिलाओं के लिए नहीं है. यह संविधान के खिलाफ है . उन्होंने कहा कि ईद की मीठी खीर को कड़वी बनाने के लिए यह बिल लाया गया है.

नई दिल्ली/ शामली / हैदराबाद, 2 अप्रैल, 2025. उत्तर प्रदेश के कैराना से समाजवादी पार्टी सांसद चौधरी इकरा हसन ने केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार पर जोरदार हमला बोला. उन्होंने बिल की टाइमिंग पर सवाल उठाते हुए कहा कि अभी ईद की रौनक गुजरी भी नहीं थी और हमारी जड़ों को कमजोर करने का एक नया फरमान लाया गया. इकरा हसन ने कहा कि सरकार की कोशिश है कि कोई सिर उठाकर न चले. इकरा चौधरी ने एक वाकये का जिक्र करते हुए कहा कि मुस्लिम महिलाएं वक्फ संशोधन बिल से डरी हुई है. सपा सांसद ने कहा कि ईद के मौके पर एक विधवा महिला अपनी लड़की के साथ मेरे पास आई. उसने बताया कि मैं एक वक्फ की प्रॉपर्टी में रहती हूं. वहीं छत का काम भी करती है. उसकी रोजी-रोटी भी वहीं से आती है. वह इस बिल को लेकर इतनी फिक्रमंद थी कि कहीं उससे उसकी संपत्ति ना छीन ली जाए. इकरा ने कहा कि वह अकेली एक ऐसी महिला नहीं है. ऐसे लाखों लोग हैं. ऐसे गरीब लोग, महिलाएं जो वक्फ की संपत्ति से अपना रोजगार चला रहे हैं. यह बिल लागू होने से लाखों लोग अपनी जायदाद पर अपना स्टेटस खो देंगे . इस तरीके से लोग सड़कों पर आ जाएंगे

कानूनी रूप से मिली है वैधता

वक्फ बिल का जिक्र करते हुए इकरा हसन ने सवाल किया कि वक्फ का क्या मतलब है? अगर सालों से दीन और भलाई के कामों के लिए इस्तेमाल हो रही प्रॉपर्टी को खुद पर खुद वक्फ मानी जाएगी. हिंदुस्तान की अदालत ने भी इस बात को तस्लीम किया है. यह सौगात नहीं है. उन्होंने कहा कि देश के सभी धार्मिक ट्रस्टों को परंपरा और उसी के आधार पर बिना किसी डॉक्यूमेंटशन के धार्मिक चरित्र को डिक्लेअर करने का राइट मिला हुआ है. भारत के संविधान के आर्टिकल 13 क्लाज़ 3 में कानूनी वैधानिकता प्रदान की गई है. इस बिल के कानून बनने पर वक्फ बोर्ड तो इस प्रोविजन से हाथ धो बैठेगा, लेकिन अन्य धार्मिक ट्रस्टों को यह सुविधा जारी रहेगी. सपा सांसद ने कहा कि यह भारतीय संविधान के आर्टिकल 14 और 15 का सीधा उल्लंघन है, जो धर्म एवं जाति के आधार पर भेदभाव को रोकता है और कानून के सामने सभी की बराबरी पर जोर देता है. मैं इसके साथ यह भी कहना चाहती हूं कि सत्ता में बैठे लोग जो एक दूसरे की पीठ थपथपा रहे हैं कि वक्फ बिल को मुस्लिम समाज ने स्वीकार कर लिया है. यह कहने वाला कोई उस समाज से नहीं आ रहा.

सरकार पर बोला हमला

वक्फ बिल के जरिए बोर्ड को कमजोर किए जाने की बात सपा सांसद ने कहीं. इकरा हसन ने सवाल किया कि अन्य धार्मिक ट्रस्ट को इस प्रकार की सहूलियत मिली हुई है . ऐसे में वक्फ बिल में इस प्रकार का प्रावधान कर सरकार सौतेला रवैया क्यों अपना रही है. इससे लाखों वक्फ की प्रॉपर्टी पर कब्जा किया जाएगा. इसलिए यह बिल मुसलमान की भलाई का नहीं, बल्कि उनके वजूद और विरासत को मिटाने का बिल है. साथ ही, वक्फ से जुड़े ट्रस्ट के सेकुलर बनाए जाने पर भी इकरा हसन ने तंज कसा. उन्होंने कहा कि आपके मुंह से सेक्युलरिज्म की बात सुनकर अच्छा लगा.