‘ जब तक आखिरी बुलडोजर नहीं हट जाएगा

‘ जब तक आखिरी बुलडोजर नहीं हट जाएगा…,’ पेड़ कटाई को लेकर भूख हड़ताल पर बैठे हैदराबाद यूनिवर्सिटी के छात्र

इन छात्रों की तीन मांगे हैं — पहली – पुलिस कैंपस से जाना, दूसरी– लोकतंत्र का फिर स्थापित होना और तीसरी — ऑक्शन प्रक्रिया को रोकना.

हैदराबाद, 4 अप्रैल, 2025. हैदराबाद यूनिवर्सिटी के छात्र पिछले कई दिनों से तेलंगाना सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं. सरकार जिस 400 एकड़ जमीन पर आईटी पार्क बनना चाहती है, छात्र इसे पर्यावरण के खिलाफ मान रहे हैं, उनका दावा है कि इस प्रक्रिया में कई पेड़ काटे जाएंगे, यहां तक कहा गया है कि वन संपत्ति को भारी नुकसान पहुंचेगा. इस बीच हैदराबाद यूनिवर्सिटी के 18 छात्रों ने भूख हड़ताल पर जाने का फैसला किया है .

छात्रों की मांग क्या है ?

इन छात्रों की तीन मांगे हैं — पहली – पुलिस का कैंपस से जाना, दूसरी- लोकतंत्र का फिर स्थापित होना और तीसरी– ऑक्शन की प्रक्रिया को रोकना. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, विरोध कर रहे कुछ छात्रों का आरोप है कि कैंपस को एक ओपन जेल बना दिया गया है. ना फोन निकालने की इजाजत है और ना ही तस्वीर क्लिक की जा सकती है. छात्र कहते हैं कि जब तक कैंपस से आखरी बुलडोजर हट नहीं जाता, छात्रों का प्रदर्शन जारी रहेगा. प्रदर्शन कर रहे छात्र अनुग्रह ने बताया कि उन्हें इस बात का एहसास है कि कितने बड़े नेक्सस के खिलाफ इस लड़ाई को लड़ा जा रहा है . यहां तक कहा जा रहा है कि यूनिवर्सिटी प्रशासन का भी इस नेक्सस को समर्थन मिला हुआ है. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी जो दावा कर रहे हैं कि यह इंडस्ट्रियल लैंड है, यह बात गलत है. यह हमारे लिए पर्यावरण, संस्कृति के लिहाज से बहुत जरूरी है . हम जानते हैं कि यह एक बड़ी कानूनी लड़ाई है, ऐसे में कैंपस के बाहर से भी सिविल सोसाइटी का समर्थन हासिल करने का प्रयास है. हम सभी एकजुट हैं और इस आंदोलन को और ज्यादा मजबूत करने की कोशिश कर रहे हैं.

हैदराबाद यूनिवर्सिटी में बवाल

एक और छात्र आदित्य ने इस आंदोलन को लेकर कहा कि बीते 13 मार्च से ही प्रदर्शन जारी है . अभी 1 इंच भी पीछे नहीं जाता जाएगा. जो भी होगा, देखा जाएगा . कई दूसरे छात्र भी अभी भूख हड़ताल पर बैठे हुए हैं, उनका कहना है कि प्रशासन के सामने झुका नहीं जाएगा. सोशलॉजी में पीएचडी कर रही एक छात्रा वेन्नला कहती हैं कि तेलंगाना सरकार ने तो बुलडोजर कार्रवाई पर अगले आदेश तक रोक लगाई, लेकिन फिर भी कार्रवाई चलती रही. पुलिस के सामने ही यह सब कुछ हो रहा है, इसी वजह से अब विरोध प्रदर्शन को और तेज कर दिया गया है. राज्य सरकार का क्या है स्टैंड?+ बता दें कि, सरकार ने दावा किया कि यह जमीन उसकी है, विश्वविद्यालय की नहीं,
जिसके बाद हैदराबाद यूनिवर्सिटी के छात्रों का विरोध प्रदर्शन और उग्र हो गया है . हालांकि, यूनिवर्सिटी के रजिस्ट्रार ने एक बयान जारी कर कहा कि विवादित भूमि के सीमांकन को अंतिम रूप दे दिया गया है, जो सरकार के दावे के विपरीत है. भूमि विवाद पर विस्तृत जानकारी देते हुए सरकार ने आरोप लगाया कि कुछ नेता और रियल एस्टेट समूह छात्रों को गुमराह कर रहे हैं. छात्र संगठनों और पर्यावरण कार्यकर्ताओं ने पर्यावरण संरक्षण संबंधी चिंताओं का हवाला देते हुए उक्त भूमि पर प्रस्तावित विकास परियोजनाओं का विरोध किया है .

मुख्य सचिव को जेल भेज देंगे…

सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस बी आर. गवई ने टिप्पणी करते हुए कहा,’ मुख्य सचिव झील के पास उसी जगह बनी स्थाई जेल में जाएंगे. अगर मुख्य सचिव राज्य के आतिथ्य का आनंद लेना चाहते हैं, तो इसमें कोई मदद नहीं कर सकता. यह बहुत गंभीर मामला है. कानून अपने हाथ में नहीं लिया जा सकता.