डैमेज कंट्रोल करने आए जदयू नेता, लग गया डेंट… वक्फ बिल पर नहीं थम रहा बवंडर
हैदराबाद से समाचार संपादक देहाती विश्वनाथ की खास रिपोर्ट
वक्फ संशोधन विधेयक पारित होने के बाद जदयू में आंतरिक मतभेद उभर कर सामने आए हैं. हालांकि, जदयू ने मुस्लिम नेताओं की प्रेस कॉन्फ्रेंस कर बिल का बचाव किया और दावा किया कि पार्टी के सुझावों को मोदी सरकार स्वीकार कर लिया है. मगर, इस प्रेस कॉन्फ्रेंस के अचानक खत्म होते ही विवाद और गहराता दिख रहा है .
पटना/ हैदराबाद, 5 अप्रैल, 2025. वक्फ संशोधन बिल संसद से पारित होने के बाद विपक्ष और मुस्लिम संगठनों के केंद्र सरकार पर हमले जारी है. इस बीच शनिवार को पटना में जनता दल यूनाइटेड के मुस्लिम नेताओं की एक प्रेस कॉन्फ्रेंस बुलाई गई . यह प्रेस कॉन्फ्रेंस ऐसे वक्त पर हुई, जब पार्टी के भीतर इस बिल को लेकर असहमति और विरोध के सुर तेज हो गए हैं. खास बात यह रही कि यस प्लीज कॉन्फ्रेंस में वह तीन नेता ( गुलाम गौस, अफजल अब्बास, और अशफाक करीम ) भी शामिल हुए, जो पिछले कुछ दिनों से विधेयक का विरोध कर रहे थे. मगर, जैसे ही मीडिया ने इन नेताओं से वक्फ बिल पर सवाल पूछने की कोशिश की. तत्काल प्रेस कॉन्फ्रेंस को खत्म कर दिया गया .
क्या हुआ प्रेस कॉन्फ्रेंस में ?
शिया वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष अफजल अब्बास, जदयू अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ के अध्यक्ष अशरफ अंसारी, एमएलसी गुलाम गौस, पूर्व सांसद राज्यसभा अशफाक करीम, सुन्नी वक्फ बोर्ड अध्यक्ष अंजुम आरा, कहकशा परवीन और सलीम परवेज जैसे पार्टी के प्रमुख मुस्लिम नेता इस प्रेस कॉन्फ्रेंस में मौजूद रहे. वहीं, अंजुम आरा ने दावा किया कि जेडीयू ने वक्फ संशोधन विधेयक को लेकर जो पांच सुझाव संसद की संयुक्त संसदीय समिति( जेपीसी ) को दिए थे, उन्हें केंद्र ने स्वीकार कर लिया है और इससे गरीब अल्पसंख्यकों को फायदा होगा.