नक्सलबाद की हवा टाइट ! बस्तर में 78 माओवादियों का सफाया, 4 अप्रैल को बुलाया बंद
हैदराबाद से समाचार संपादक देहाती विश्वनाथ की विशेष रिपोर्ट
नक्सलियों ने इस साल की कई मुठभेड़ों में अपने 78 कैडरों की मौत को स्वीकार किया है . उन्होंने यह भी कहा है कि सुरक्षा बलों ने उनके कोर इलाकों में घुसकर ऑपरेशन किए हैं. बस्तर में हाल ही में 26 नक्सलियों की मौत हुई है . माओवादियों ने 4 अप्रैल को बंद बुलाया है.
रायपुर/ हैदराबाद, 30 मार्च, 2025. इस साल कई मुठभेड़ों में अपने 78 कैडरों की मौत को नक्सलियों ने स्वीकार किया है . उन्होंने दावा किया है कि मरने वालों में से 7 ग्रामीण थे . हालांकि, उनके कुछ वरिष्ठ कैडर भी मारे गए हैं.माओवादियों क्या कहना है कि हजारों सुरक्षाकर्मी उनके मुख्य इलाकों में घुसकर कार्रवाई कर रहे हैं. पश्चिम बस्तर डिवीजन के प्रवक्ता मोहन ने यह प्रेस नोट जारी करते हुए कहा, माओवादियों ने हालिया अभियानों के विरोध में 4 अप्रैल को ” बंद ” का आह्वान किया है.माओवादियों के प्रवक्ता मोहन ने एक बयान में कहा कि 12 जनवरी को बांदेपारा के पास 5 कैडर मारे गए. 19 फरवरी को जालीपेरू के पास 31 कैडर और 20 मार्च को गांगालूर इलाके में 26 और उसी दिन कांकेर में 4 कैडर मारे गए. वहीं, 25 मार्च को मारह डिवीजन, इंद्रावती इलाके में 3 साथियों की जान चली गई.
मारे गए दर्जनों नक्सली
माओवादियों ने अपने बयान में कहा है कि केंद्र और राज्य सरकारें 31 मार्च, 2026 तक माओवादी आंदोलन को पूरी तरह से समाप्त करने का दावा कर रही है. इन हमलों को उसी का हिस्सा माना जा रहा है. 20 मार्च को हुई मुठभेड़ में मारे गए 26 नक्सलियों में से 24 के नाम ” शहीद ” के रूप में उनकी रैंक के साथ जारी किए गए. उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि पुलिस 40 ग्रामीणों को नक्सली समर्थक बताकर अरेस्ट किया है.
केंद्रीय गृह मंत्री ने दिया अल्टीमेटम
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा था कि 31 मार्च, 2026 तक बस्तर से माओवादियों का सफाया कर दिया जाएगा और बल मिशन 2026 के तहत बस्तर में काम कर रहे हैं. उन्होंने कहा था कि पिछले 15 महीनों में सैनिकों ने 330 से अधिक नक्सलियों का सामना किया है . नक्सलियों ने बलों की भारी तैनाती पर कड़ी आपत्ति जताई है, खासकर उनके गढ़ के मुख्य क्षेत्रों में. उन्होंने कहा, बस्तर फाइटर्स, जिला रिजर्व गार्ड्स, स्पेशल टास्क फोर्स और सीआरपीएफ के साथ बीएसएफ जैसे अर्धसैनिक समूहों समेत हजारों सुरक्षा कर्मियों को संयुक्त अभियान चलाने के लिए जुटाया गया है.
माओवादियों में डर का माहौल
नक्सलियों ने कहा है कि सुरक्षा बल उनके मुख्य इलाकों में घुस रहे हैं. इससे उन्हें नुकसान हो रहा है. उन्होंने यह भी कहा कि सरकार नक्सली आंदोलन को खत्म करने की कोशिश कर रही है. मोहन ने प्रेस नोट में कहा कि वे इन कार्रवाइयों के खिलाफ 4 अप्रैल को बंद करेंगे. उन्होंने अलग-अलग तारीखों पर मारे गए अपने कैडरों की संख्या भी बताई.